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कैटरपिलर फंगस की तलाश में हुए चीनी घुसपैठ के कई प्रयास

jantaserishta.com
26 Dec 2022 2:33 AM GMT
कैटरपिलर फंगस की तलाश में हुए चीनी घुसपैठ के कई प्रयास
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| हाल ही में सामने आई कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक दुर्लभ हिमालयाई जड़ी बूटी 'कीड़ा जड़ी' को हासिल करने के लिए चीनी घुसपैठ के कई प्रयास हुए हैं। इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक के अनुसार, कीड़ा जड़ी (कॉर्डिसेप्स) के लिए भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के कई प्रयास हुए थे। इसे कैटरपिलर फंगस या हिमालयन गोल्ड के रूप में भी जाना जाता है। इस फंगस का इस्तेमाल चीन में एक महंगी हर्बल दवा के रूप में होता है। रिपोर्ट में चीनी सैनिकों पर अरुणाचल प्रदेश में फंगस की तलाश में अवैध रूप से प्रवेश करने का आरोप लगाया गया है। कीड़ा जड़ी मुख्य रूप से भारतीय हिमालय में और दक्षिण-पश्चिमी चीन में पठार के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में पाया जाती है।
वैश्विक स्तर पर, 2022 में, कॉर्डिसेप्स बाजार का मूल्य 1,072.50 मिलियन अमरीकी डालर का है। चीन इसका सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है।
इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक के अनुसार बीते कुछ वर्षो में चीन में कॉर्डिसेप्स की फसल कम हो गई है। इसके बाद वहां दवा के तौर पर इस्तेमाल होने वाली इस फंगस की कमी हो गई थी।
दुनियाभर में इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी की तरह किया जाता है। यह भूरे रंग का होता है और दो इंच तक लंबा होता है। इसकी सबसे खास बात ये है कि कि इसका स्वाद मीठा होता है। यह हिमालयी क्षेत्रों में तीन से पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है।
हिमालय की खूबसूरत वादियों में पाए जाने वाले इस फंगस के कई नाम हैं। भारत में इसे 'कीड़ा जड़ी' के नाम से जाना जाता है जबकि नेपाल और चीन में इसे 'यासार्गुम्बा' कहते हैं। वहीं तिब्बत में इसका नाम 'यार्सागन्बू' है। इसके अलावा इसका वैज्ञानिक नाम 'ओफियोकोर्डिसेप्स साइनेसिस' है, जबकि अंग्रेजी में इसे 'कैटरपिलर फंगस' कहते हैं, क्योंकि यह फंगस (कवक) की प्रजाति से ही संबंध रखता है।
इसके महंगा होने का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि महज एक कीड़ा जड़ी लगभग 1000 रुपये का मिलता है। वहीं अगर किलो के हिसाब से देखें तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यह 10-12 लाख रुपये प्रति किलो तक बिकता है।
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