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मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर लगा गंभीर आरोप, एक्सपायर ब्लड चढ़ाने से मरीज की मौत

jantaserishta.com
21 Aug 2022 3:25 AM GMT
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर लगा गंभीर आरोप, एक्सपायर ब्लड चढ़ाने से मरीज की मौत
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मरीज कुंवर शंकर पांडेय के भाई जयशंकर पांडेय ने गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाया है। जयशंकर पांडेय का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती उनके भाई कुंवर शंकर को मना करने के बावजूद न केवल एक्सपायर ब्लड चढ़ाया गया, बल्कि चिकित्सकों ने उनके साथ मारपीट भी की। गलत खून चढ़ाने से उनके भाई की मौत हो गई। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत गुलरिहा थाना पुलिस से की है।

सहजनवां थाना क्षेत्र के जाल्हेपार गांव निवासी जयशंकर पांडेय ने बताया है कि उनके भाई कुंवर शंकर पांडेय का 15 दिन पहले ट्रेन दुर्घटना में एक पैर कट गया था। इसके बाद उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। आरोप है कि ड्रेसिंग के नाम पर हर दिन 500 रुपये और ऑपरेशन के लिए 20 हजार रुपये वसूले गए।
शुक्रवार को भाई को एक्सपायर ब्लड चढ़ाया जा रहा था, तो इसका विरोध किया गया। इस पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने उनके साथ मारपीट की। उन्होंने आरोप लगाया कि एक्सपायर ब्लड और गलत दवाओं की वजह से उनके भाई की मौत हो गई।
मौत की सूचना पर मेडिकल कॉलेज चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और देर रात परिजनों को समझाते हुए शव को मोर्चरी में रखवाया। शनिवार को पुलिस की देखरेख में पोस्टमार्टम किया गया। गुलरिहा थानाध्यक्ष ने बताया कि तहरीर मिली है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
मामला संज्ञान में नहीं आया है। विभाग से मामले की जानकारी ली जाएगी। अगर पीड़ित पक्ष की ओर से शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी। जो भी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज
22 जुलाई को भी हुई गर्भवती की मौत, जांच के लिए कमेटी बनी
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों पर मारपीट सहित इलाज में लापरवाही का आरोप लगते रहते हैं। शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी के बड़े भाई की पुत्रवधू चंदा की मौत 22 जुलाई को मेडिकल कॉलेज में हुई थी। मामले की शिकायत शिक्षक विधायक ने उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक से की थी।
आरोप लगाया था कि बेलहरा गांव निवासी उनके भाई संदीप त्रिपाठी की पत्नी चंदा त्रिपाठी को 22 जुलाई को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए लेकर आए थे। मरीज की गंभीरता को दरकिनार करते हुए डॉक्टर उन्हें एक वार्ड से दूसरे वार्ड में दौड़ाते रहे।
इस संबंध में कई बार प्राचार्य को फोन किया गया, लेकिन फोन नहीं उठा। इलाज नहीं मिलने से चंदा की मौत हो गई। शिकायत पर स्वास्थ्य महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने एसजीपीजीआई और केजीएयमू की डॉक्टरों की देखरेख में जांच कमेटी बना दी है। कमेटी को 31 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपनी है।
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