पंजाब punjab news। शिरोमणि अकाली दल ने अपने संरक्षक और वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा Sukhdev Singh Dhindsa को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. यह फैसला सुखदेव सिंह ढींडसा द्वारा पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधने और आठ बागी नेताओं के निष्कासन को खारिज करने के एक दिन बाद लिया गया है.
ये फैसला पार्टी की तीन सदस्यीय अनुशासन समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया, जिसकी अध्यक्षता इसके अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने की. समिति में अन्य दो सदस्य महेशिंदर सिंह ग्रेवाल और गुलजार सिंह रणिके भी शामिल थे.
इस फैसले के बाद महेशइंदर ग्रेवाल ने कहा कि अनुशासन समिति का मानना है कि सुखदेव सिंह ढींडसा अपने पद की गरिमा को बनाए नहीं रख सके. वे न सिर्फ अनधिकृत बयान जारी कर रहे हैं, बल्कि पार्टी के संविधान और इसकी समृद्ध और गौरवशाली परंपराओं के भी खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अनुशासन समिति ने ढींडसा द्वारा हाल के दिनों में जारी किए गए विभिन्न बयानों के साथ-साथ जिस तरह से उन्होंने पार्टी से निकाले गए 8 नेताओं का नेतृत्व किया, उसे भी ध्यान में रखा गया है.
अनुशासन समिति के अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि ढींडसा ने पार्टी को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपनी ओर से सभी असंतुष्ट पार्टी नेताओं को पार्टी बैठकों में शामिल होने और पार्टी फोरम में अपनी गलतफहमी पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था. ऐसा करने के बजाय असंतुष्ट नेता पार्टी को कमजोर करने और विभाजित करने के लिए नागपुर में रची गई साजिश का हिस्सा बन गए. इन नेताओं ने 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मुख्य अपराधी के बेबुनियाद आरोपों को भी बल दिया है. जब उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की गई तो ढींडसा ने नेताओं का बचाव करने की कोशिश की और यहां तक कि पार्टी कार्यकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश की. अब पार्टी ने ढींडसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, ताकि रिकॉर्ड सही हो सके.