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कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव देख फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों को बढ़ावा देना जरूरी: नितिन गडकरी

jantaserishta.com
13 Dec 2022 2:57 AM GMT
कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव देख फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों को बढ़ावा देना जरूरी: नितिन गडकरी
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली में सोमवार को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (एसआईएएम) ने इथेनॉल अपनाने और भारत में फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल्स के रूप में संकल्पित प्रौद्योगिकी प्रदर्शन का आयोजन किया। इस मौके पर केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए एक से अधिक ईंधन पर चलने वाली गाड़ियों (फ्लेक्स फ्यूल) और ई-वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है। नितिन गडकरी ने कहा कि ईंधन की ऊंची लागत से विमानन क्षेत्र भी समस्याओं का सामना कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए एक से अधिक ईंधन पर चलने वाली गाड़ियों (फ्लेक्स फ्यूल) और ई-वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है। फ्लेक्स फ्यूल के लिये उपयुक्त वाहनों में एक से अधिक ईंधन या दो ईंधन के मिश्रण का उपयोग किया जा सकता है। आमतौर पर ऐसे वाहनों में ईंधन के रूप में पेट्रोल और इथेनॉल मेथनॉल के मिश्रण का उपयोग किया जाता है।
गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक जीवाश्म ईंधन का उपयोग करता है। यही वजह है कि पारंपरिक ईंधन की तुलना में इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना और शिक्षा प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। गडकरी ने कहा कि इससे भारत की ईंधन आयात लागत एक बड़े अंतर से कम हो जाएगी। इस प्रकार विदेशी मुद्रा कोष की बचत होगी और आत्मनिर्भर होने का रणनीतिक लाभ भी होगा।
गडकरी ने यह भी कहा कि उनके मंत्रालय ने जो सड़कें विकसित की हैं, उससे सबसे ज्यादा उद्योग को ही लाभ होगा। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय 27 नये एक्सप्रेसवे बना रहा है और उन्हें रोपवे तथा फ्यूनीक्यूलर रेलवे प्रणाली की 260 परियोजनाएं मिली हैं। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग ने 4 करोड़ नौकरियां सृजित की हैं, जो भारत में सबसे ज्यादा है। यही नहीं ये वर्तमान में 7.5 लाख करोड़ का उद्योग है और अगले 5 वर्षो में 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
नितिन गडकरी ने पराली से बायो सीएनजी और एलएनजी बनाने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि पानीपत में इंडियन आयल ने बड़ी परियोजना बनाई है। वहां पराली से रोज 1 लाख लीटर इथेनॉल और 150 टन बायो बिटुमेन बन रहा है।
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