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BIG BREAKING: हिन्दू धर्म में महिलाओं का सम्मान देख मुस्लिम महिला ने अपनाया सनातन धर्म, जानें क्या बोलीं?
jantaserishta.com
5 Sep 2024 10:19 AM GMT
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फोटो: सोशल मीडिया
पति की प्रताड़ना से परेशान...
मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में पति की प्रताड़ना से परेशान होकर एक मुस्लिम महिला ने अपने दो बच्चों के साथ हिंदू धर्म अपना लिया। हिंदू धर्म में अटूट आस्था जताते हुए महिला ने अपने बेटों का नाम लव-कुश रखा है। वह खुद अब मेहनाज बी के बदले मीनाक्षी के नाम से जानी जाएंगी। उनके दोनों बेटे का नाम लव और कुश रखा गया है। बताया जाता है कि मुस्लिम महिला सनातन परंपरा में महिलाओं के प्रति सम्मान को देखते हुए हिंदू धर्म में शामिल होने का निर्णय लिया है।
मंदसौर जिले में एक मुस्लिम महिला ने अपने दो बेटों के साथ हिंदू धर्म में शामिल हुईं। बताया जाता है कि गांव धमानर की रहने वाली 30 साल की मेहनाज 30 वर्ष ने अपने 12 और 11 साल के दो बेटों के साथ बुधवार मंदसोर के गायत्री मंदिर में शुद्धिकरण के साथ घर वापसी की। घर वापसी के बाद मेहनाज का नाम मीनाक्षी हो गया है तो दोनों बच्चों का नाम लव और कुश रखा गया है। मीनाक्षी ने बताया कि वो परिवार से प्रताड़ित थी। कहा कि यूट्यूब और अन्य जगहों पर देखती थी कि सनातन धर्म में महिलाओं का सम्मान किया जाता है। उन्हें घर परिवार में इज्जत दी जाती है। इससे प्रभावित होकर उसने हिंदू संगठन के लोगो से संपर्क कर सनातन धर्म अपनाया है।
जानकारी के अनुसार 15 साल पहले मेहनाज बी का निकाह धनमार के इरफान खान से हुआ था। मेहनाज के पिता अब्दुल रशीद किसान हैं। शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन इसके बाद पति के साथ ही सास-ससुर के व्यवहार में बदलाव आ गया। वे छोटी-छोटी बातों पर मारपीट करने लगे। जरा सी बात पर अपशब्द कहते और हाथ उठा देते थे। इस बारे में पिता को बताया तो उन्होंने कहा यह तुम्हारा पारिवारिक मामला है।
बुधवार देर शाम करीब डेढ़ घंटे चले मंत्रोचार के बाद सभी का नामकरण किया गया। इस दौरान गायत्री मंदिर में वैदिक मंत्रोचार के साथ महिला और उसके दोनों बेटों को दूध, दही, शहद, गंगाजल, गौमूत्र और गोबर से स्नान करवाया गया। दोनों पुत्रो ने मां के साथ विधि-विधान से पूजन और आरती कर सनातन धर्म अपनाया।
सनातन धर्म अपनाने के बाद मीनाक्षी ने बताया कि उसकी शादी को करीब 15 साल हो चुके है। शादी के बाद से ही उसका पति उसके साथ मारपीट करता था और गलत व्यवहार करता था। परिवार में इज्जत भी नहीं दी जाती थी। वहीं हिंदू धर्म में महिलाओं का सम्मान किया जाता है और उनकी इज्जत की जाती है। इससे वह काफी प्रभावित हुईं।
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी चैतन्य सिंह राजपूत ने बताया कि करीब दो से तीन माह पहले मेहनाज ने घर वापसी के लिए संपर्क किया था। इसके बाद सारी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर गायत्री परिवार मंदिर में मेहनाज और उसके दोनो बेटों की घर वापसी करवाई गई है। घर वापसी कर मीनाक्षी और उसके दोनों बेटे लव और कुश बहुत खुश हैं। राजपूत ने बताया कि वे अब तक 40 महिलाओं, 5 पुरुष और दो बच्चों की पूरी तरह कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए घर वापसी करवा चुके हैं। जिन लोगों ने भी घर वापसी की है, वे सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
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