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राजद्रोह मामला: शरजील इमाम ने हाई कोर्ट में दाखिल की अंतरिम जमानत याचिका, जानें पूरा अपडेट

jantaserishta.com
29 July 2022 6:55 AM GMT
राजद्रोह मामला: शरजील इमाम ने हाई कोर्ट में दाखिल की अंतरिम जमानत याचिका, जानें पूरा अपडेट
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी शरजील इमाम ने अपने खिलाफ लगे राजद्रोह के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की है. शरजील की अंतरिम जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाई कोर्ट अब इस मामले में 25 अगस्त को सुनवाई करेगा.

शरजील इमाम ने दिल्ली हाई कोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली की निचली अदालत ने राजद्रोह केस में ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. कड़कड़डूमा कोर्ट के इस फैसले को शरजील ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. इमाम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी जिसने देशद्रोह के सभी मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी थी.
वहीं, शरजील इमाम पर हमले के आरोप के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने जेल की कोठरी के अंदर शरजील पर हमले के सीसीटीवी फुटेज देखा. वीडियो में शरजील के साथ धक्का-मुक्की करते हुए दिखाया गया. कोर्ट ने अब तिहाड़ जेल के जेल अधीक्षक को एक अगस्त को कोर्ट में पेश होने और मारपीट के आरोप पर जवाब देने को कहा है.
कड़कड़डूमा कोर्ट अब 1 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी. उस दिन तिहाड़ के जेल अधीक्षक और उप अधीक्षक हाजिर होकर अपनी बात कहेंगे और कोर्ट के सवालों के जवाब देंगे. दरअसल, शरजील ने हाल ही में आरोप लगाया था कि तिहाड़ जेल के सहायक अधीक्षक ने 8 से 10 लोगों के साथ 30 जून को सेल में उनके साथ मारपीट की थी. आरोप लगाया था कि जेल के सहायक अधीक्षक ने शरजील इमाम को आतंकवादी और देशद्रोही भी कहा था. शरजील की दलील थी कि आरोप सिद्ध हुए बगैर उसे ऐसे शब्द कहना गैर कानूनी है.
शरजील इमाम पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले संकरे भूभाग यानी चिकेन नेक क्षेत्र को अलग करने की बात कही थी. शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत भी केस दर्ज किया था.
शरजील इमाम ने सीएए और एनआरसी प्रदर्शन के दौरान दिसंबर 2019 और जनवरी-फरवरी 2020 में शरजील इमाम ने भाषण दिया था. दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भाषण देने के मामले में उनके खिलाफ राजद्रोह की धारा 124 ए और 153 ए के तहत मामले दर्ज किए गए थे.


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