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सुरक्षा खुफिया एजेंसियों ने जारी किया हाई अलर्ट, कश्मीर पर जैश और तालिबान की आतंकी हमलों का खतरा

Deepa Sahu
28 Aug 2021 2:25 PM GMT
सुरक्षा खुफिया एजेंसियों ने जारी किया हाई अलर्ट, कश्मीर पर जैश और तालिबान की आतंकी हमलों का खतरा
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सीमा पार आतंकियों में गठजोड़ और नापाक साजिशों को लेकर देश की सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है।

सीमा पार आतंकियों में गठजोड़ और नापाक साजिशों को लेकर देश की सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ इनपुट साझा किया गया है, ताकि इन हमलों को नाकाम करने की तैयारी की जा सके।

अधिकारी ने बताया कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में अफगानिस्तान के कांधार में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और तालिबानी नेताओं के बीच मुलाकात की जानकारी मिलने के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में जैश ने तालिबानी नेताओं से भारत में हमलों को लेकर मदद मांगी। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हई।
अधिकारी ने कहा, ''हमने खुफिया एजेंसियों से कहा है कि सोशल मीडिया पर नजर रखें। 24 अगस्त को हमें पाकिस्तान के दो आतंकियों के मूवमेंट की जानकारी मिली जो श्रीनगर में ग्रेनेड अटैक करना चाहते हैं। सभी एजेंसियों को समन्वय के लिए अलर्ट किया गया है।'' सभी राज्यों को सुरक्षा बढ़ाने और आतंक-रोधी इकाइयों को हाई अलर्ट रहने को कहा गया है।
15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया और अमेरिकी समर्थित सरकार गिर गई। इसके बाद कई देशों ने अपने नागरिकों और राजनयिकों को काबुल से निकालना शुरू कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोग जमा हो गए हैं, जो देश छोड़कर भागना चाहते हैं। भारत भी मिशन 'देवी शक्ति' के तहत अपने नागरिकों के साथ ही हिंदू और सिख अफगान को निकालने में जुटा है। इस बीच गुरुवार को इस्लामिक स्टेट के खुरासान मॉड्यूल ने एयरपोर्ट के बाहर फिदायीन हमले को अंजाम दिया जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक सहित कम से कम 169 अफगान नागरिक मारे गए हैं।
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