लोक निर्माण विभाग के सचिव ने सड़कों और पुलों की स्थिति की समीक्षा की
उत्तराखंड। मानसून के कारण राज्य के नेशनल हाईवे स्टेट हाईवे एवं अन्य मार्गों और पुलों को यातायात हेतु संचालित रखे जाने के सम्बन्ध में सचिव, लोक निर्माण विभाग द्वारा सचिवालय में वी०सी० के माध्यम से बी0आर0ओ0, एन0एच0आई0डी० सी०एल० एन०एच० एवं विभागीय अधिकारियों के साथ दिनांक 14 जुलाई 2023 को बैठक आहूत कर मार्गों एवं पुलों की स्थिति की समीक्षा की गयी।
बैठक में प्रदेश के समस्त अधीक्षण अभियन्ताओं, बी०आर०ओ० एवं एन0एच0आई0डी० सी० एल० के मुख्य अभियन्ताओं ने उनके क्षेत्रान्तर्गत के मार्गों एवं पुलों की स्थिति से अवगत कराया। विभागीय अधिकारियों ने बैठक में अवगत कराया कि प्रदेश में 479 अवरूद्ध मार्गों में से 84 मार्गों को आज खोल दिया गया है। शेष 395 मार्ग अवरूद्ध हैं, जिसमें से 15 राज्य मार्ग, 07 मुख्य जिला मार्ग, 07 अन्य जिला मार्ग एवं 386 ग्रामीण मार्ग अवरूद्ध हैं। वर्तमान में मार्गों को खोलने हेतु 478 मशीनें लगाई गयी हैं।
सचिव, लोक निर्माण विभाग द्वारा समस्त अधिकारियों को एलर्ट रहने किसी भी अधिकारी के अवकाश पर नहीं जाने, प्रत्येक समय दूरभाष पर उपलब्ध रहने, बन्द मार्गो को तत्काल खोले जाने, यातायात के सुचारू संचालन हेतु मशीनों को पर्याप्त मात्रा में क्षतिग्रस्त एवं सम्भावित स्लिप जोन में रखे जाने तथा मार्ग बाधित होने की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश दिये गये ।
भारी वर्षा के कारण पुल क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। अतः समस्त अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिये गये की पुलों का समुचित अनुरक्षण किया जाए एवं समय-समय पर सेफ्टी ऑडिट भी किया जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलों पर उनकी भार क्षमता से अधिक भार के वाहनों / यातायात का संचालन न हो ।
कोटद्वार एवं हरिद्वार में क्षतिग्रस्त हुए पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारणों की गहन / विस्तृत जांच आख्या शासन को तीन दिन में उपलब्ध कराये जाने के निर्देश विभागाध्यक्ष को दिये गये। इसके अतिरिक्त किसी भी बड़े नुकसान की सूचना शासन एवं प्रमुख अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग को तत्काल उपलब्ध कराने तथा किसी मार्ग के एक सप्ताह से अधिक अवधि तक अवरूद्ध रहने पर उसकी सूचना को भी शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये गये। प्रमुख अभियन्ता समय- समय पर नुकसान की समीक्षा करेंगे एवं शासन को अवगत करायेंगे। बैठक में अपर सचिव लोक निर्माण विभाग विनीत कुमार एवं प्रमुख अभियन्ता डी०के० यादव द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।