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कोरोना की दूसरी लहर: वायरस बना साइलेंट किलर, 91 हजार में से 74 हजार मरीजों में नहीं मिले लक्षण, प्रशासन चिंतित

jantaserishta.com
31 March 2021 8:41 AM GMT
कोरोना की दूसरी लहर: वायरस बना साइलेंट किलर, 91 हजार में से 74 हजार मरीजों में नहीं मिले लक्षण, प्रशासन चिंतित
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फाइल फोटो 

देश में कोरोना वायरस की ताजा लहर का एपिसेंटर महाराष्ट्र बनता दिख रहा है. कई दिनों से महाराष्ट्र में 30 हजार से अधिक केस रिपोर्ट हो रहे हैं. इस बीच बीएमसी के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने बयान दिया है कि मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है. मुंबई में सिर्फ 49 दिनों में 91 हजार कोरोना के केस रिपोर्ट किए गए हैं.

बीएमसी के कमिश्नर के मुताबिक, मुंबई में अभी 74 हजार मामले ऐसे हैं जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं. यानी कोरोना अब एक 'साइलेंट किलर' के रूप में उभरता दिख रहा है जो बिना लक्षणों के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है.
अगर अन्य मामलों की बात करें तो मुंबई में करीब 17 हजार लोगों में कोरोना के लक्षण दिखे हैं. आधे मामलों में लोगों में कोरोना के कुछ लक्षण ही देखे गए हैं.
जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं और वो कोरोना पॉजिटिव हैं, उनको लेकर बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि उन सभी पर स्टाम्प लगाया जा रहा है. अगर वो सार्वजनिक स्थानों पर मिलते हैं, तो उनपर एफआईआर दर्ज की जाएगी. ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी की जाएगी.
30 मार्च को आए देश में कुल केस का आंकड़ा
'सरकार नहीं चाहती है लॉकडाउन'
बीएमसी कमिश्नर के मुताबिक, मुंबई में 9900 हॉस्पिटल बेड्स भर चुके हैं, जबकि 4000 बेड्स की सुविधा इस हफ्ते ऑनलाइन कर दी जाएगी. सरकार लॉकडाउन नहीं चाहती है, अगर लोग कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करेंगे तो हालात काबू में आ सकते हैं.
बीएमसी के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने कहा कि मुंबई में हमने कम से कम सख्ती को लागू किया है. अभी मुंबई में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या काबू में हैं. अगर कोई मास्क नहीं पहन रहा है या गाइडलाइन्स नहीं मान रहा है, उसपर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है. मुंबई में ही अबतक सबसे अधिक चालान हुए हैं.
महाराष्ट्र ने बढ़ाई सभी की चिंता
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मार्च महीने में कोरोना वायरस की रफ्तार बेकाबू हो गई है. मौजूदा वक्त में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कुल 3.40 लाख एक्टिव केस हैं. इनमें से मुंबई में 47 हजार से अधिक केस एक्टिव हैं, जबकि पुणे में 57 हजार के करीब एक्टिव मामले हैं. फरवरी में जहां महाराष्ट्र में हर दिन औसतन 5 हजार मामले आ रहे थे, वही रफ्तार अब 30 हजार से अधिक प्रतिदिन केस पर पहुंच गई है.
अगर मंगलवार की ही बात करें तो देश में मंगलवार यानी 30 मार्च को 53480 केस आए. इनमें महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 27918 थी, जबकि देश में 354 मौतें हुई जिनमें से महाराष्ट्र में 139 हुईं. सिर्फ मुंबई में ही अब तक 600 इमारतों को कंटेनमेंट जोन के रूप में सील किया जा चुका है.
महाराष्ट्र पर संकट लगातार गहरा रहा है. यही कारण है कि सरकार लॉकडाउन पर भी गंभीरता से विचार कर रही है और सीएम उद्धव बार-बार इसकी चेतावनी दे चुके हैं. उद्धव ने साफ कहा था कि लोगों ने अगर नियमों का उल्लंघन करना जारी रखा, तो लॉकडाउन ही अंतिम निर्णय होगा.


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