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एसडीपीआई ने छात्रों की छात्रवृत्ति निलंबित करने पर केंद्र को आड़े हाथों लिया
jantaserishta.com
3 Dec 2022 12:24 PM GMT
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बेंगलुरु (आईएएनएस)| सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की कर्नाटक इकाई ने कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति निलंबित करने के लिए केंद्र की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की है। एसडीपीआई के राज्य अध्यक्ष अब्दुल मजीद मैसूर ने शनिवार को कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्रों को कोई छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का छात्रों की छात्रवृत्ति रद्द करना इन समुदायों को धीरे-धीरे शैक्षिक सुविधाओं और अधिकारों से वंचित करने की रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि, भारत शिक्षा पर सबसे कम खर्च करने वाले देशों में है। सरकार द्वारा शुरू की गई एनईपी ने शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 6 प्रतिशत खर्च करने की सिफारिश की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार इसका आधा भी शिक्षा क्षेत्र को उपलब्ध नहीं करा रही है। 2019-20 में केवल 2.8 प्रतिशत, 2020-21 में 3.1 प्रतिशत और 2021-22 में 3.1 प्रतिशत शिक्षा के लिए निर्धारित हैं। मजीद ने कहा कि एसडीपीआई इस बात का कड़ा विरोध करता है कि जरूरतमंद बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है और उनसे छात्रवृत्ति छीनी जा रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार, जो अपने झूठ का प्रचार करने के लिए हजारों करोड़ खर्च कर रही है, को इस तरह के विश्वासघात में लिप्त नहीं होना चाहिए और सभी ग्रेड के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति तुरंत जारी करनी चाहिए।
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