एसडीएम पकड़ा गया, कार्रवाई करने कमिश्नर ने कलेक्टर को लिखा पत्र
सांकेतिक फोटो
यूपी। देवबंद के एसडीएम पद पर तैनात रहे संजीव कुमार ने तीन साल पहले मृत व्यक्ति को जीवित दिखाकर उनका पक्ष भी सुन लिया। साथ ही मां-बेटे का जमीन से मालिकाना हक भी छीन लिया। मामला कमिश्नर की अदालत में आया तो एसडीएम का झोल पकड़ा गया। फिलहाल कासगंज में तैनात एसडीएम के खिलाफ शासन को पत्र लिखे जाने की तैयारी की जा रही है, वहीं पेशकार के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी डीएम को लिखा गया है। मामला देवबंद तहसील के रसूलपुर खेड़ी गांव से संबंधित है। वर्ष 2018 में गांव निवासी बाबूराम की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उनके नाम पर जो जमीन थी, वह उनकी पत्नी कश्मीरी, दो बेटों सोनू ओर पूरण सिंह के नाम सितंबर-18 में बराबर-बराबर दर्ज हो गई। इसके बाद पूरन सिंह ने अपने हिस्से की जमीन का गांव की ही निवासी संतोष पत्नी जगपाल और अनिल कुमार के नाम बैनामा कर दिया। राजस्व प्रक्रिया के बाद पूरन सिंह के हिस्से की जमीन खरीदार अनिल कुमार और संतोष नाम जमीन भी अभिलेखों में दर्ज हो गई।
इसी बीच वर्ष 2019 में जमीन के विक्रेता पूरन सिंह की मौत हो गई। तीन साल बाद वर्ष 2022 में अनिल कुमार ने तत्कालीन एसडीएम संजीव कुमार की अदालत में रेस्टोरेशन दाखिल किया। उसमें बाबूराम की मौत के बाद उनकी जमीन में बेटे सोनू, पूरन सिंह और उनकी मां कश्मीरी देवी के नाम दर्ज होने पर आपत्ति की। मामले की सुनवाई तत्कालीन एसडीएम संजीव कुमार ने की। सुनवाई के दौरान साफ लिखा है कि 13 अगस्त 22 को पूरन सिंह उनके सामने उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद एसडीएम ने दो बेटों और मां की नामजदगी वाले वर्ष 2018 के आदेश को तीन फरवरी-23 को खारिज कर दिया।
एसडीएम द्वारा तीन फरवरी- 23 के आदेश के खिलाफ मृतक पूरन सिंह के भाई सोनू कुमार ने कमिश्नर के यहां पर अपील की। इस मामले की सुनवाई एडिशनल कमिश्नर सुरेंद्र राम की अदालत में हुई। मामले की सुनवाई में एडिशनल कमिश्नर ने पाया कि एसडीएम द्वारा जिस पूरन सिंह के बयान 13 अगस्त 22 को दर्ज किए बताए जा रहे हैं, उनकी मृत्यु तो वर्ष 2019 में हो चुकी थी। ऐसे में तीन साल बाद मृतक व्यक्ति कैसे एसडीएम की अदालत में आ सकता है। एडिशनल कमिश्नर ने एसडीएम देवबंद के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही पत्रावली को देवबंद के मौजूदा एसडीएम की अदालत को लौटा दी। आदेश दिया कि इस मामले में गुण-दोष के आधार दोबारा सुनवाई करते हुए फैसला दें। एडिशनल कमिश्नर सुरेन्द्र राम ने बताया कि इस मामले में तत्कालीन एसडीएम एसडीएम संजीव कुमार के खिलाफ शासन को लिखा जाएगा। साथ ही पेशकार विक्रम सिंह के खिलाफ कार्रवाई को डीएम को लिखा दिया गया है।