शिमला। हिमाचल में 15 साल पुराने वाहन अब स्क्रैप होंगे और इसके लिए राज्य में वाहन स्क्रैपिंग और ऑटोमैटिक टैस्टिंग सैंटर भी खुलेंगे। ये गाड़ियां अब अवैध मानी जाएंगी और इन्हें पोर्टल से हटा दिया गया है। इन गाड़ियाें को अब स्क्रैप किया जाएगा। सरकारी स्तर पर अब सिर्फ इलैक्ट्रिक गाड़ियों की ही खरीद होगी। …
शिमला। हिमाचल में 15 साल पुराने वाहन अब स्क्रैप होंगे और इसके लिए राज्य में वाहन स्क्रैपिंग और ऑटोमैटिक टैस्टिंग सैंटर भी खुलेंगे। ये गाड़ियां अब अवैध मानी जाएंगी और इन्हें पोर्टल से हटा दिया गया है। इन गाड़ियाें को अब स्क्रैप किया जाएगा। सरकारी स्तर पर अब सिर्फ इलैक्ट्रिक गाड़ियों की ही खरीद होगी। यह बात उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 वर्ष पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। वाहन स्क्रैपिंग सैंटर स्थापित करने के लिए 31 जनवरी तक इच्छुक लोगों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इस साल राज्य में छह पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग और ऑटोमैटिक टैस्टिंग सैंटर की सुविधा शुरू होगी। प्रदेश में 31 मार्च तक पूरी तरह से ई-चालान की व्यवस्था लागू होगी। परिवहन विभाग के 12 बैरियर 30 जून तक इंटैलीजैंट ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम से जुड़ेंगे।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकार ई-टैक्सी की व्यवस्था कर रही है, जिसमें 500 गाड़ियां 50 प्रतिशत अनुदान के लिए दी जाएंगी। ई-टैक्सी योजना के तहत 1221 आवेदन आए हैं, इसमें 111 गाड़ियाें की डिमांड सरकारी विभागों से आई है। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं। अभी तक 17 पैट्रोल पंप पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए हैं, जो फरवरी तक शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी ने 234 नए रूट पर आवेदन मांगे थे और अभी तक 1263 आवेदन मिले हैं, जबकि 50 रूट पर लोगों ने रुचि नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा कि जो लोग टैक्स जमा नहीं करवा रहे हैं, वे 31 मार्च तक 10 प्रतिशत जुर्माने के साथ टैक्स जमा करवा दें। उनसे कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जाएगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विभाग ने 3155 फैंसी/च्वाइस नंबर अलॉट कर 11 करोड़ रुपए की आय अर्जित कर ली है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरैंस की नीति अपनाई है। वाहनों की फिटनैस अभी तक मैनुअली होती थी, जिसमें बदलाव कर दिया गया है। अब फिटनैस स्वचलित परीक्षण केंद्रों में होगी। इसके लिए एटीएस सैंटर जिला स्तर पर खोले जा रहे हैं। पहली अक्तूबर से इस सुविधा को शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि आरटीओ, एआरटीओ सहित अन्य अधिकारी अब ई-चालान करेंगे। 31 मार्च के बाद मैनुअल चालान काटना बंद हो जाएगा। सभी को पुलिस की तरह पीओएस मशीनें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जब सरकार सत्ता में आई तो ट्रांसपोर्ट का 500 करोड़ रुपए का राजस्व था, जिसे बढ़ाने का काम कर रहे हैं और अभी 800 करोड़ रुपए अर्जित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 22,43,524 गाड़ियां हैं, जिनमें 19,25,593 गाड़ियां निजी हैं, वहीं व्यावसायिक वाहन 31,79,711 हैं। हिमाचल में 2811 इलैक्ट्रिक गाड़ियां हैं, जिनमें निजी 2412 और व्यावसायिक 399 हैं।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग 15 जनवरी से 14 फरवरी तक जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है। प्रदेश में औसतन 50 प्रतिशत दुर्घटनाएं हाईवे पर होती हैं और हादसों को कम करने के लिए जागरूकता अभियान स्कूलों में भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा वर्ष 2023 में 881 लोग दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बने जबकि वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 1032 था। 13 प्रतिशत कमी के बावजूद हादसों को कम करने के लिए ब्लैक स्पॉट चयनित किए जा रहे हैं। दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को 5 हजार रुपए ईनाम दिया जाएगा तथा उनसे कोई पूछताछ नहीं होगी ऐसा प्रावधान किया गया है।