पंजाब

स्क्रैप डीलरों ने मलोया में निर्माण गिराने को दी हाईकोर्ट में चुनौती

Shantanu Roy
9 Dec 2023 10:28 AM GMT
स्क्रैप डीलरों ने मलोया में निर्माण गिराने को दी हाईकोर्ट में चुनौती
x

चंडीगढ़। चंडीगढ़ के मलोया में मौजूद स्क्रैप डीलरों ने उनके निर्माण गिराने के लिए यूटी प्रशासन की ओर से जारी किए गए नोटिस को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई हैयाचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन सहित अन्य प्रतिवादियों से स्टेट रिपोर्ट तलब की है दरअसल याचिका दाखिल करते हुए लवली कुमार बंसल और अन्य ने एडवोकेट पंकज मानी के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि वे कई दशक से मलोया में स्क्रैप का काम कर रहे हैं प्रशासन ने वर्ष 2000 में मलोया की 81.675 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था और इस पर मार्बल, फर्नीचर और स्क्रैप मार्केट बनाने का निर्णय लिया था।

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि जिस भूमि पर वे रह रहे हैं इसको अधिग्रहण करने का मामला अदालत में विचाराधीन है यह कृषि भूमि थी और वे भूमि मालिकों को लगातार किराया अदा करते आ रहे हैं अभी तक पक्की मार्केट को लेकर प्रशासन के पास ठोस योजना मौजूद नहीं है और न ही भूमि का सर्वे किया गया है। इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को निर्माण गिराने का नोटिस जारी कर दिया गया हैयाचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके पुनर्वास के बिना उनका निर्माण गिराना उनके साथ अन्याय होगा ऐसे मेंं याचिकाकर्ताओं के पुनर्वास का इंतजाम किया जाए और उसके बाद ही प्रशासन किसी भी प्रकार की कार्रवाई को अंजाम देहाईकोर्ट ने याचिका पर अब यूटी प्रशासन सहित अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया हैराने को दी हाईकोर्ट में चुनौती, स्टेटस रिपोर्ट तलब

चंडीगढ़( नीरू ) : चंडीगढ़ के मलोया में मौजूद स्क्रैप डीलरों ने उनके निर्माण गिराने के लिए यूटी प्रशासन की ओर से जारी किए गए नोटिस को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई हैयाचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन सहित अन्य प्रतिवादियों से स्टेट रिपोर्ट तलब की है दरअसल याचिका दाखिल करते हुए लवली कुमार बंसल और अन्य ने एडवोकेट पंकज मानी के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि वे कई दशक से मलोया में स्क्रैप का काम कर रहे हैं प्रशासन ने वर्ष 2000 में मलोया की 81.675 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था और इस पर मार्बल, फर्नीचर और स्क्रैप मार्केट बनाने का निर्णय लिया था।

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि जिस भूमि पर वे रह रहे हैं इसको अधिग्रहण करने का मामला अदालत में विचाराधीन है यह कृषि भूमि थी और वे भूमि मालिकों को लगातार किराया अदा करते आ रहे हैं अभी तक पक्की मार्केट को लेकर प्रशासन के पास ठोस योजना मौजूद नहीं है और न ही भूमि का सर्वे किया गया है। इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को निर्माण गिराने का नोटिस जारी कर दिया गया हैयाचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके पुनर्वास के बिना उनका निर्माण गिराना उनके साथ अन्याय होगा ऐसे मेंं याचिकाकर्ताओं के पुनर्वास का इंतजाम किया जाए और उसके बाद ही प्रशासन किसी भी प्रकार की कार्रवाई को अंजाम देहाईकोर्ट ने याचिका पर अब यूटी प्रशासन सहित अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

Next Story