राजधानी दिल्ली के स्कूल सोमवार, 18 जनवरी 2021 से फिर से खुलने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए अपनी सहमति दे दी है. स्कूल खोलने की अनुमति सरकार ने कुछ नियमों के साथ दी है जिन्हें स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोसीज़र (SOP) कहा जाता है. स्कूलों को इन SOP का पालन करना होगा साथ ही छात्रों/अभिभावकों से कराना भी अनिवार्य है. अगर आप भी अपने बच्चों को कल से स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
छात्र केवल अभिभावकों की लिखित अनुमति के साथ ही स्कूल में एंट्री पा सकेंगे. जिन छात्रों के पास अभिभावकों द्वारा दिया गया कंसेंट लेटर नहीं होगा उन्हें स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. स्कूल में असेंबली, गैदरिंग, एक्सट्रा करिकुलर या फिजिकल एक्टिविटी की अनुमति नहीं है. स्कूल केवल जरूरी क्लासेज और प्रैक्टिकल्स के लिए खोले जा रहे हैं. छात्रों को टीचर्स यह भी निर्देश देंगे कि किसी भी तरह की स्टेशनरी, खाना या अन्य चीजों का आपस में लेन देन न करें. कोई भी छात्र, शिक्षक या कर्मचारी, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है, उन्हें स्कूल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिन कर्मचारियों या छात्रों में कोरोना के लक्षण हैं, उन्हें भी स्कूल में एंट्री नहीं मिलेगी. स्कूल के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी.
स्कूल के मेन गेट क्लासेज के टाइम से पहले खुलेंगे ताकि भीड़ न जमा हो. अभिभावकों को अपने बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचाना होगा. अलग अलग क्लासेज के छात्रों की एंट्री में 15 मिनट का गैप होगा और स्कूल अपने सभी एंट्री गेट्स से छात्रों की एंट्री करेंगे. स्कूलों को मेन गेट, क्लासेज़, प्रैक्टिकल लैब और सार्वजनिक उपयोग की जगहों सहित परिसर में सभी स्थानों पर सैनिटाइटर रखना जरूरी होगा. स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों के आने से पहले ये तैयारियां पूरी हों. स्कूल के भीतर भी जगह-जगह पर जरूरी निर्देश लिखे अथवा चिपके होंगे. केवल उन्हीं स्कूलों को खोला जाएगा, जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं. कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों या कर्मचारियों को भी स्कूलों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
स्कूलों को कक्षाओं और प्रैक्टिकल लैब्स में इस तरह की व्यवस्था करनी होगी कि सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रहे. कर्मचारियों को टाइम टेबल के आधार पर ही बुलाया जाएगा. स्कूल में क्वारनटीन रूम भी होगा जिसका प्रयोग इमरजेंसी की स्थिति में किया जा सके.