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SCCL के निजीकरण का मामला, टीआरएस ने जारी किया बयान

Nilmani Pal
15 Nov 2022 7:05 AM GMT
SCCL के निजीकरण का मामला, टीआरएस ने जारी किया बयान
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हैदराबाद। SCCL के निजीकरण का मामला, टीआरएस ने जारी किया बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्पष्टीकरण दिये जाने के बाद तिलमिलाई टीआरएस ने सोमवार को एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि सिंगरेनी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों और राज्य सरकार के प्रयासों के मद्देनजर प्रधान मंत्री को बयान देने के लिए मजबूर होना पडा था। ।एससी विकास मंत्री कोप्पुला ईश्वर ने बताया कि प्रधान मंत्री मोदी ने दावा किया कि केंद्र एससीसीएल का निजीकरण नहीं कर रहा था और संकेत दिया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार की तुलना में कंपनी में अल्पसंख्यक हितधारक थी। श्अन्यथाए केंद्र सिंगरेनी को बेच देता। उनका यह बयान हास्यपद हैए क्योंकि अब तक टीआरएस यह कहकर सिंगरेणी कर्मचारियों को भाजपा के खिलाफ उकसाती रही कि केन्द्र सरकार किसी भी समय सिंगरेणी कोलरीज का निजीकरण कर सकती है। यहां तक की 29 नवंबर 2021 को टीआरएस से संबद्ध तेलंगाना बोग्गू गनी कर्मिका संगम ने हडताल की नोटिस भी दिया था और इस मुद्दे को लेकर कई बार हडताल भी किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस मुद्दे पर स्ष्टीकरण दिये जाने के बाद मंत्री कोप्पुला ने सोमवार को निजीकरण के मुद्दे से हटकर कहा कि मोदी ने कंपनी को परेशान करने वाले विभिन्न मुद्दों के बारे में बोलने से परहेज किया था। आयकर छूट प्रदान करने के विधानसभा प्रस्ताव और पेंशनभोगियों के मुद्दों सहित सिंगरेनी श्रमिकों में से किसी का भी उल्लेख नहीं किया था। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के माध्यम से भाजपा पर लाए गए दबाव के कारणए प्रधान मंत्री को एससीसीएल के निजीकरण के बारे में बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि 19 मई 2020 को तत्कालीन कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी का एक बयान जारी किया गया है। मंत्री ने कहा है कि कोल इंडिया का निजीकरण नहीं होगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणा में कोल इंडिया लिमिटेड ;सीआईएलद्ध में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश होगा। इस फैसले से कोल इंडिया को वित्तीय वर्ष 2023.24 तक एक मिलियन टन का लक्ष्य को पूरा करने की राह आसान होगी। कोल इंडिया के लिए यह एक बड़ा अवसर हैए जब कंपनी नई खदानें खोलते हुए अधिक से अधिक कोयला उत्पादन कर देश में हो रहे कोयले के आयात की भरपाई कर सकती है। उन्होंने विश्वास जताया कि आनेवाले समय में कोल इंडिया अपने उत्पादन सेए सालाना 100 मिलियन टन कोयले के आयात की भरपाई करेगी। सरकार कोल इंडिया को मजबूत कर रही है और इसे आगे भी और मजबूत करेगी।

वास्तव में इस पूरे घटनाक्रम मे वास्तविकता कुछ और है। ैब्ब्स् चार पूर्ववर्ती आदिलाबादए करीमनगरए खम्मम और वरंगल जिलों में फैला हुआ है। ैब्ब्स् से जुड़े किसी भी मुद्दे का असर राज्य के 25 विधानसभा क्षेत्रों पर पड़ेगाण् हुजूराबाद उपचुनाव में भाजपा के हाथों मिली करारी हार के बाद सत्तारूढ़ टीआरएस पार्टी विभिन्न मुद्दों को उठाकर लोगों के करीब जाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।इसके बादए टीआरएस ने सबसे पहले केंद्र सरकार द्वारा तेलंगाना से धान की खरीद न करने का मुद्दा उठाया और राज्य भर में महा धरना का मंचन किया और मांग की कि केंद्र बिना किसी देरी के राज्य से धान की खरीद करे।टीआरएसए यह अनुमान लगाया गया हैए अब भाजपा और उसकी नीतियों के खिलाफ कोयला बेल्ट क्षेत्रों के लोगों और सिंगरेनी के कोयला खदान श्रमिकों के मूड को बदलने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने अपने बीएमएस से संबद्ध कोयला श्रमिक संघ के माध्यम से कोयला बेल्ट क्षेत्रों में अपना प्रभाव फैलाने के अपने प्रयासों को भी तेज कर दिया है। विशेष रूप सेए अन्य यूनियनों के कुछ नेता हाल ही में मंचिर्याल जिले में बीएमएस में शामिल हुए। इससे घबराकर टीआरएस ने निजीकरण के मुद्दे को उठाकर कोलबेल्ट कर्मचारियों को भडकाने का प्रयास किया। मोदी के बयान के बाद टीआरएस का यह चाल भी विफल हो गया।

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