भारत
आ गई कोरोना को लेकर डराने वाली रिपोर्ट, पूरी खबर पढ़कर चौंक जाएंगे
jantaserishta.com
11 July 2021 3:49 AM GMT
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फाइल फोटो
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) को लेकर की गई एक गणितीय स्टडी के मुताबिक भारत में कोरोना की दूसरी लहर (Covid 19) तो चली गई, लेकिन रिप्रोडक्टिव नंबर या आर नंबर (R number) में अप्रैल के मध्य के बाद पहली बार बढ़त देखने को मिली है. आर नंबर यह बताने वाला एक तरह का संकेतक है कि आखिर कितनी तेजी से कोविड 19 महामारी फैलती है. इसके अनुसार देश में पिछले कुछ दिनों से एक्टिव कोरोना केस की संख्या में गिरावट धीमी हो गई है.
आर नंबर को एक तरह का गणितीय अनुमान भी कहा जा सकता है. आर नंबर इसकी गणना करता है कि कोरोना वायरस से पहले से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से कितने लोग संक्रमित हुए. यह आर नंबर जून के आखिरी हफ्ते तक घट रहा था. लेकिन 20 जून से 7 जुलाई के बीच के समय में यह तेजी से बढ़ा.
यह जानकारी चेन्नई के इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज के शोध में सामने आई है. इसका नेतृत्व सीताभ्रा सिन्हा ने किया है. इसमें पाया गया कि 20 जून से 7 जुलाई के बीच पूरे देश की आर वैल्यू 0.88 थी. यह आर वैल्यू 15 मई से 26 जून के बीच 0.78 थी. इसका मतलब यह हुआ कि हर 100 संक्रमित लोगों का समूह अब औसतन 88 लोगों को संक्रमित कर रहा है.
अभी इस बात से सांत्वना दी जा सकती है कि आर वैल्यू अब भी 1 के नीचे है. लेकिन यह बेहद तेजी से बदल सकती है. अगर आर वैल्यू 1 से अधिक होती है तो माना जाता है कि संक्रमित व्यक्ति से एक से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं. यही कोरोना केस बढ़ने का कारण होता है.
देश में सबसे गंभीर स्थिति केरल की है. राज्य में आर वैल्यू 1.1 है. देश के कुल नए कोरोना केस में केरल की हिस्सेदारी करीब एक-तिहाई है. एक ओर जहां अधिकांश राज्यों में कोरोना के नए केस घट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर केरल में यह रोजाना 11000 से 13000 के बीच आ रहे हैं. गणना के मुताबिक महाराष्ट्र में आर वैल्यू 1 होने का अनुमान है.
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