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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) दीपक मिश्रा की नियुक्ति को 2017 में चुनौती देने वाली याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता की जमीन से पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया जाए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) दीपक मिश्रा की नियुक्ति को 2017 में चुनौती देने वाली याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता की जमीन से पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूल किया जाए। स्वामी ओम (अब दिवंगत) और मुकेश जैन ने 2017 में वर्तमान प्रधान न्यायाधीश द्वारा अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की परंपरा पर सवाल उठाया था।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने जैन की ओर से दाखिल जुर्माना घटाने की याचिका पर संज्ञान लिया और कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के खिलाफ फिर कुछ निराधार आरोप लगाए हैं। जैन इस समय एक अन्य मामले में ओडिशा की बालासोर जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि जुर्माने की वसूली होने तक जैन को सुप्रीम कोर्ट में कोई भी जनहित याचिका दाखिल करने की अनुमति नहीं होगी। जुर्माना घटाने की मांग अस्वीकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि जैन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन पिछले साल इसे घटाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया था।
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