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मझौली। धौहनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील मड़वास के ग्राम मूसामूड़ी में 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे किसानों के द्वारा पूर्व में प्रस्तावित योजना के तहत 2 अक्टूबर सोमवार को सरकार विसर्जन मजदूर किसान पद यात्रा टोंको_ रोको_ ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी के नेतृत्व में निकाली गई जहां भारी संख्या में जन सैलाब रैली में शामिल रहा। बताते चलें कि आंदोलनकारी किसानों द्वारा 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है जिसमें फर्जी भूमि अधिग्रहण रद्द करने, फर्जी ग्राम सभा के अपराधियों पर पुलिस में केस दर्ज करने, संजय टाइगर रिजर्ब से विस्थापन रोकने, गुलाब सागर डूब प्रभवित किसानों की परिसम्पत्तियों का मुआबजा देने, वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टा देने सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले पंद्रह दिनों से मूसामूड़ी में भूख हड़ताल चल रही है। मांग को लेकर आंदोलित आदिवासियों में आंदोलन की उपेक्षा को लेकर रोष पनपने लगा है। महिलाओ, किसानों एवं ग्रामीणों में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते आज पंद्रहवें दिन पितृपक्ष में क्षेत्र से काफी संख्या में किसानों, आदिवासियों एवं ग्रामीणों ने आंदोलन स्थल पर पहंच कर "सरकार विसर्जन आदिवासी किसान पैदल मार्च" निकाला गया। पैदल मार्च के बाद महखोर तिराहा में हुई सभा को संबोधित करते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि भूख हड़ताल के पंद्रह दिन हो गए लेकिन शासन-प्रशासन के किसी भी नुमाइंदे ने आंदोलनकारियों की सुध नहीं ली है।मैं पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूँ कि प्रशासन की जिद हारेगी और आदिवासियों का जुनून जीतेगा। श्री तिवारी ने कहा कि पहले भी अंग्रेज़ अफ़सर आदिवासियों को खेती करने से रोकते थे, आदिवासियों ने उनसे संघर्ष किया और अब आज़ादी के बाद भी आदिवासी लगातार अपनी ज़मीन के मालिकाना हक़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कहीं आदिवासी किसान, वन अधिकार अधिनियम के तहत अपनी ज़मीन के मालिकाना हक़ की मांग लंबे समय से कर रहे हैं जहां वन संरक्षण के नाम पर इन्हें इनकी ज़मीन से बेदख़ल करने की कोशिश की जा रही है। वन अधिकार अधिनियम में ये गारंटी है कि आदिवासी जिस ज़मीन पर रहते या खेती करते हैं अगर उसकी सीमा दस एकड़ या उससे कम है तो उस पर उनका मालिकाना हक़ होगा। इस कानून के तहत देश में लाखों किसानों ने वन भूमि पर अपने दावे किए लेकिन किसी किसी के ही दावों को मान्यता देकर उन्हें मालिकाना हक़ दिया गया है।
इसी तरह देश में 53 बाघ अभ्यारण्य है जिनके लिए आदिवासियों के हजारों गांवो का विस्थापन किया जा रहा है। हाथी पार्क के नाम पर जल, जंगल, जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। माइनिंग के लिए, उद्योग स्थापना के लिए, बांध के लिए आदिवासियों को उनकी जमीनों से भगाया जा रहा है। जहां जहां शासन और प्रशासन द्वारा जमीन लूट के लिए जुल्म और ज्यादती की जा रही है आदिवासी अपने जल, जंगल, जमीन बचाने लड़ाई मजबूती से लड़ रहा है। अपने संबोधन में प्रभावित किसान एवं आंदोलन के संयोजक शिवकुमार सिंह ने कहा कि अगर 15 दिन के बाद भी शासन प्रशासन हम आंदोलनकारी किसानों से मिलने तक नहीं आया ऐसे में उनसे क्या उम्मीद की जाएगी वहीं कहा कि क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम हम लोगों के ग्राम के अगल-बगल कार्यक्रम में आ रहे हैं लेकिन हम आदिवासी लोगों के दुख और पीड़ा से उन्हें कोई सरोकार नहीं है वह सिर्फ भाजपा के गुलाम बनकर रह गए हैं इसलिए ऐसे गुलाम विधायक की हमें जरूरत नहीं है और ऐसी सरकार को भी विसर्जित करने के लिए हम लोगों ने पितृपक्ष में सरकार विसर्जन यात्रा निकाल कर आगाज कर दिया है। जयस पार्टी जिला सीधी के संरक्षक अमोल सिंह ने भी आंदोलनकारी किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि यहां के किसानों के साथ शासन प्रशासन के द्वारा जिस तरह ज्यादती और उपेक्षा की जा रही है उसकी हम निंदा करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता विवेक कोल के द्वारा भी आंदोलन का समर्थन करते हुए शासन प्रशासन की निंदा की है वहीं यह भी कहा कि वे भाजपा के जिला पदाधिकारी रहे हैं लेकिन इसी तरह अन्याय,अत्याचार,अपमान व जुल्म आदिवासियों के साथ होने के कारण भाजपा को त्याग दिया है। आंदोलन के समर्थन में सुनैना सिंह अध्यक्ष जनपद पंचायत मझौली पूरे पदयात्रा में शामिल रहीं। शिवकुमार कुशवाहा जिला संयोजक ओबीसी महासभा, पप्पू कनौजिया संभागीय अध्यक्ष ओबीसी महासभा संभाग रीवा, राजेंद्र जायसवाल ओबीसी महासभा जिला अध्यक्ष सीधी के द्वारा भी आंदोलन में समर्थन व्यक्त किया है और प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में किसान, युवा, मजदूर और व्यापारी सब परेशान हैं इसलिए इस सरकार का विसर्जन किया जाना जरूरी है। वहीं सत्यदेव सिंह आदिवासी सभा, कामरेड बलराज सिंह जिला अध्यक्ष किसान सभा जो कार्यक्रम के संचालक भी थे उन्होंने अपना समर्थन व्यक्त किया। रैली के दौरान आक्रोशित किसानों ने जहां जिला प्रशासन एवं खंड प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे वहीं क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम व सांसद के खिलाफ भी नारेबाजी करते रहे जिसमें "कुंवर सिंह टेकाम विधायक एक काम करो, चूड़ी पहन के डांस करो" का नारा लगाते रहे। विधायक के खिलाफ लोगों के आक्रोश का यह पहला मामला नहीं है इसके पहले भी ग्राम चिनगवाह में भी भूमि पूजन करने गए विधायक के खिलाफ लोगों ने नारेबाजी करते हुए काले झंडे भी दिखाए थे। फर्जी भूमि अधिग्रहण को निरस्त करने की मांगों को को लेकर टोंको- रोको-ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के अगुआई में जारी भूख हड़ताल के पन्द्रहवें दिन आज 2अक्टूबर 2023 को दिरगज सिंह गोंड़ और अजय सिंह गोंड़ को अधिग्रहित भूमि की मिट्टी का तिलक लगाकर अधिग्रहण प्रभावित किसान शिवकुमार द्वारा अंशसन पर बैठाया गया। जहां लालदेव सिंह सेवानिवृत्ति उप पुलिस अधीक्षक, विजय बहादुर सिंह,भूपेंद्र कुशवाहा, श्रीपाल सिंह,सत्यदेव सिंह, शिवकुमार कुशवाहा आदि किसान मौजूद रहे। वही प्रशासन की ओर से तहसीलदार मड़वास सुषमा देवी रावत एवं विभिन्न थाना एवं चौकियों का पुलिस बल मौजूद रहा।
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Shantanu Roy
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