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सरदार वल्लभभाई जयंती आज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर होगा समारोह, पीएम करेंगे संबोधित

Renuka Sahu
31 Oct 2021 2:42 AM GMT
सरदार वल्लभभाई जयंती आज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर होगा समारोह, पीएम करेंगे संबोधित
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फाइल फोटो 

देशभर में आज लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई जा रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देशभर में आज (रविवार को) लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (Sardar Vallabhbhai Patel's Birth Anniversary) मनाई जा रही है. राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के मौके पर दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue Of Unity) पर शानदार समारोह होगा. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) कार्यक्रम में शामिल होकर सरदार पटेल (Sardar Patel) को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. एकता दिवस समारोह में एकता परेड (Unity Day Parade) भी निकाली जाएगी. इस परेड में सभी राज्यों के पुलिसकर्मी शामिल होंगे. साथ ही CISF और BSF के जवान भी परेड में हिस्सा लेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी रिकॉर्डेड संदेश के जरिए समारोह को संबोधित करेंगे.

आधुनिक भारत के निर्माता सरदार पटेल
हिंदुस्तान के 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल को आज पूरा देश नमन कर रहा है. देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल की आज 146वीं जयंती है. एकता के 'सूत्रधार' लौह पुरुष पटेल की जयंती हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाती है.
'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के प्रणेता लौह पुरुष
राष्ट्रीयता के 'महानायक' पटेल जी की जयंती पर देशभर में कार्यक्रम हो रहे हैं. वहीं गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर खास समारोह होना है. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे.
निकाली जाएगी एकता परेड
एकता दिवस के मौके पर होने वाली एकता परेड में इस साल प्रधानमंत्री मोदी की जगह गृह मंत्री अमित शाह शामिल हो रहे हैं. इसको लेकर सभी इंतजाम कर लिए गए हैं. एकता परेड में गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल सहित कई नेता भी शामिल होंगे. गौरतलब है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनने के बाद ही मोदी सरकार ने पटेल जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था.
नए भारत के निर्माता सरदार पटेल के योगदान को देश हमेशा याद रखेगा. दृढ़ इच्छाशक्ति और मनोबल के दम पर सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत को एक करने का ऐसा मुश्किल काम कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. उन्होंने जिस तरह कश्मीर से लेकर हैदराबाद तक भारत को एक सूत्र में पिरोया राष्ट्रीय एकता के इस बेजोड़ शिल्पी का देश हमेशा ऋणी रहेगा.


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