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संजय राउत का BJP पर हमला: बाबरी कांड के बाद हमारी लहर थी...चुनाव लड़ते तो...
jantaserishta.com
24 Jan 2022 6:48 AM GMT
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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महाराष्ट्र की शांत सियासत में एक बार फिर सियासी लहरें उठने लगी है. रविवार को बाला साहेब ठाकरे की जयंती पर सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका मानना है कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन में रहकर 25 साल बर्बाद किया. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने बीजेपी छोड़ी है हिन्दुत्व नहीं छोड़ा है. उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व का प्रयोग सत्ता के लिए करती है.
सीएम ठाकरे के इस बयान पर बीजेपी आग बबूला है. लेकिन शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सीएम के इस बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि बाबरी कांड के बाद उत्तर भारत में शिवसेना की लहर थी और अगर तब शिवसेना चुनाव लड़ती तो देश में शिवसेना का प्रधानमंत्री होता लेकिन शिवसेना ने ये मौका बीजेपी के लिए छोड़ दिया.
अपने तीखे बयानों से राजनीतिक विरोधियों पर प्रहार करने वाले संजय राउत ने कहा कि बीजेपी हिन्दुत्व का प्रयोग सत्ता के लिए करती है. उन्होंने कहा, " महाराष्ट्र में बीजेपी को नीचे से ऊपर तक ले गए. बाबरी के बाद, उत्तर भारत में शिवसेना की लहर थी, अगर हम उस समय चुनाव लड़े होते, तो देश में हमारे (शिवसेना) पीएम होते लेकिन हमने यह उनके लिए छोड़ दिया. बीजेपी सिर्फ सत्ता के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल करती है."
वहीं बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि हिंदुत्व पर व्याख्यान देने से पहले सीएम उद्धव ठाकरे को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या शिवसेना दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा का पालन कर रही है? वही बाला साहेब जिन्होंने कहा था कि राजनीति और जीवन में उनकी पार्टी कभी भी कांग्रेस में शामिल नहीं होगी, और अगर ऐसी परिस्थितियां आती भी हैं तो वह कांग्रेस में शामिल होने के बजाय पार्टी को बंद करना पसंद करेंगे.
बता दें कि 2019 के महाराष्ट्र चुनावों के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने के मुद्दे पर शिवसेना बीजेपी से अलग हो गई और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और राज्य के सीएम बने.
NCP नेता नवाब मलिक ने भी इस सियासी झगड़े में चुटकी ली है. अपने सियासी पार्टनर शिवसेना का साथ देते हुए नवाब मलिक ने कहा कि ये सच है कि जिसने भी बीजेपी के साथ गठबंधन किया, बीजेपी उसको खत्म कर देती है, अपने धर्म पर गर्व करना अच्छी बात है लेकिन दूसरों के धर्म से नफरत करना कहीं से भी सही नहीं है.
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