संघ एक सैन्य संगठन नहीं, बल्कि पारिवारिक माहौल वाला समूह है : आरएसएस चीफ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि संघ एक सैन्य संगठन नहीं है, बल्कि पारिवारिक माहौल वाला समूह है। मोहन भागवत ने कहा कि संघ एक अखिल भारतीय संगीत विद्यालय नहीं है। यहां मार्शल आर्ट कार्यक्रम होते हैं, लेकिन संघ न तो अखिल भारतीय जिम है और न ही मार्शल आर्ट क्लब। कभी-कभी संघ को अर्धसैनिक (बल) के रूप में वर्णित किया जाता है। लेकिन संघ एक सैन्य संगठन नहीं है। ग्वालियर में चार दिवसीय घोष शिविर के समापन समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ परिवार के माहौल वाला एक समूह है। उन्होंने कहा, "पश्चिमी देश संगीत को मनोरंजन मानते हैं। इसे वहां रोमांच के लिए बजाया जाता है। लेकिन भारत में संगीत आत्मा को शांत करने के लिए है। यह एक कला है जो मन को शांत करती है।"
भागवत यहां गुरुवार से शुरू हुए घोष शिविर को संबोधित करने और मार्गदर्शन करने के लिए शुक्रवार आधी रात को ग्वालियर पहुंचे थे। आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि ग्वालियर के शिवपुरी लिंक रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर (स्कूल) में म्यूजिकल बैंड कैंप का समापन हुआ। शिविर में आरएसएस मध्य प्रदेश भारत प्रांत (ग्वालियर और भोपाल संभाग सहित) के 31 जिलों से आए 500 से अधिक वादकों ने भाग लिया।
पिछले हफ्ते भागवत ने छत्तीसगढ़ में बैंड के सदस्यों द्वारा संगीत वाद्ययंत्रों के प्रदर्शन के कार्यक्रम 'घोष दर्शन' में भाग लिया था। आरएसएस के पदाधिकारी विनय दीक्षित ने कहा कि आरएसएस का गठन 1925 में हुआ था, जबकि इसकी संगीत शाखा 1927 में बनी थी। उन्होंने कहा कि अभ्यास के दौरान संगीत बैंड, विशेष रूप से ड्रम का उपयोग शाखाओं में किया जाता है.