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वन विभाग के SDO पर रेत माफियाओं का हमला...हमले में आरक्षक भी घायल...जाने कहा?
jantaserishta.com
11 Jun 2021 2:03 AM GMT
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दबंग महिला अफसर पर रेत माफियाओं का हमला
एमपी के मुरैना जिले में अवैध उत्खनन करने वालों को वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढरे और उनकी टीम के द्वारा पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की जा रही है. इससे घबराकर रेत माफिया ने अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को थाने ले जाते वक्त वन विभाग की टीम पर हमला कर छुड़ा लिया.
अवैध रेत से भरी 3 ट्रैक्टर ट्रॉलियों को जब्त कर राजसात की कार्यवाही के लिए वन डिपो में सुपुर्द कर दिया था. उसके बाद देवगढ़ थाना क्षेत्र के पठानपुरा में अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर देवगढ़ थाने में सुपुर्दगी करने जा रही थी तभी लोहिक पुरा की पुलिया पर वन विभाग की टीम को रोकने के लिए कांटे डाल दिए जिससे ट्रैक्टर ट्रॉली को कार्यवाही के लिए थाने न ले जा सकें.
उसके बाद काफी लोग लाठी-डंडों से लैस होकर आए और उन्होंने दबंग महिला ऑफिसर और उनकी टीम पर हमला कर दिया. देवगढ़ थाना से एक किलोमीटर की दूरी पर एक सैकड़ा से अधिक माफिया फॉरेस्ट की टीम पर लाठी-डंडों से हमला कर फायरिंग करते हुए ट्रैक्टर ट्रॉली छुड़ा कर भाग गए.
इस हमले में आरक्षक एसएएफ मुकेश सैन घायल हो गए. घायल को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भेजा गया है. दो महीने में माफियाओं के द्वारा एसडीओ श्रद्धा पांढरे पर करीब 8 बार हमले हो चुके हैं.
इस पूरे मामले में एसडीओ श्रद्धा पांढरे का कहना है कि थाने से महज एक किलोमीटर की दूरी पर रेत माफियाओं ने हमला किया है. अगर थाना बल मौके पर पहुंच जाता तो शायद माफिया वन विभाग की टीम पर हमला नहीं करते. उसके बाद टीआई से एफआईआर का बोला गया तो टीआई बोले कि एसडीओ साहब से बात कर लो तब एफआईआर करूंगा जबकि मैंने कहा कि हमलावरों के वीडियो भी हमारे पास हैं.
उसके बाद भी टीआई ने एक न सुनी. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस वालों को एंट्री फीस दी जाती है, जिसके कारण माफियाओं पर कार्यवाही नहीं होती है. कई बार टीआई को फोन लगाया गया था लेकिन कोई स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचा. पुलिस अगर देशभक्ति जनसेवा दिखाना चाहती है तो माफियाओं के ऊपर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करे जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद न हों.
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