राजस्थान। मेवाड़ मंडल के भीलवाड़ा राजस्थान में पूज्य संतों के नेतृत्व में 5 सितंबर 2023 को एक विरोध सभा व ज्ञापन देने का कार्यक्रम रखा गया । प्राप्त जानकारी के अनुसार सूचना केंद्र चौराहे पर सनातन धर्म समाज के बैनर तले बड़ी संख्या में समाज जन पधारे उसमें शिव गारू ने..संस्कृति सब की एक चिरंतन खून रगों में हिंदू है. गीत को दोहरान करवा कर सबको हिंदुत्व के रंग में रंग दिया । उसके पश्चात ज्ञापन देने की भूमिका बताते हुए रवीन्द्र कुमार जाजू ने कहा कि विश्व में हिंदुत्व के बढ़ते प्रभाव को देखते आसुरी शक्तियां तिल मिला रही है और इस प्रकार के बयान देखकर सहिष्णु हिंदू समाज को उकसाने का प्रयास चल रहा है । ये एक सोचा समझा षडयंत्र है । मंच का संचालन हाथीभाटा आश्रम के संत संतदास ने करते हुए कहा की सनातन अजर है अमर है । इसे नष्ट करने का विचार करने वालो के वंश नष्ट हो गए । महंत रामदास रामायणी ने कहा की सर्वे भवंतु सुखिन : सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित दुख भाग भवेत को मानने वाली सनातन परंपरा को नष्ट करने की दुर्भावना रखने वाला एक असुर ही हो सकता है । महंत मोहन शरण जी शास्त्री , निम्बार्क आश्रम ने तीखी टिप्पणी कर करुणानिधि को कोरोना निधि कह कर बुलाया जिनके पुत्र ने सनातन धर्म को ख़त्म करने की बात कही है । ऐसे व्यक्ति किसी दुष्ट प्राणी से कम नहीं है । सनातन अनादि काल से है और हमेशा रहेगा । पूज्य मुनि आदित्य सागर जी दिगंबर ने कहा हम एक है। ये महावीर और राम की भूमि है और इस भूमि पर उसी को स्थान मिलेगा जो दया , अहिंसा और सनातन का साथ देगा । पूज्य मुनि यशवंत कुमार जी श्वेतांबर ने उदयनिधि की निंदा करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि सनातन को मिटाने के लिये कई संप्रदाय कई व्यक्ति आये परंतु इसे मिटा नहीं पाये , अपितु वे ख़ुद मटियामेट हो गये ।उदयनिधि स्टालिन जैसे ख़ुराफ़ाती को भारतीय कहलाने का भी अधिकार नहीं है ।कहीं ऐसा न हो की सनातन संस्कृति की जगह वो और उसका परिवार ही समाप्त न हो जाये । सभा के अंत में महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन ने उदयनिधि स्टालिन के इस कुकृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा की आज वे सनातन धर्म की रक्षा के लिये अडिग खड़े हैं । ऐसे कुपुत्र को जन्म लेने से अच्छा था कि वो गर्भ में ही समाप्त हो जाता ।उदयनिधि स्टालिन को अपने कर्म का दंड देना पड़ेगा ।सनातन को ख़त्म करने की ताक़त किसी भी कुल में नहीं है । स्वामी जी ने कहा कि हर सनातनी को शास्त्रों की रक्षा हेतु शस्त्रों की पूजा करना भी अनिवार्य है । अब समय आ गया है की अपने धर्म की रक्षा लिए संत भी एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला ले लें ।
उन्होंने केंद्र सरकार से माँग की , कि उदयनिधि स्टालिन के ख़िलाफ़ जल्द ही कार्यवाही कर उन्हें गिरफ़्तार किया जाये या वो सनातन समाज से माफ़ी माँगे । इस अवसर पर महंत बाबूगिरी जी महाराज , महंत बनवारी शरण जी महाराज काठियाबाबा , महंत आशुतोष जी महाराज , महंत जयरामदास जी , महंत राम गिरी जी , महंत राम सागर दास जी , महंत बलराम दास रपट के बालाजी , स्वामी परमेश्वर दास पंचमुखी दरबार के प्रतिनिधि , महंत गोपालदास जी सांगानेरी गेट एवं अनेक संत उपस्थित रहे । संतों के अलावा अनेक संगठन बजरंग दल , राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ , विश्व हिंदू परिषद , भीलवाड़ा के सभी व्यापार संघ एवं महिला शक्ति उपस्थित रही । संतों के अह्वान पर समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रातः 11 बजे तक बंद रखे गये । बजरंगी चौराहा सूचना केंद्र पर इस सभा के पश्चात् सभी सनातन प्रेमियों ने संतों की अगुवाई में नगर के मुख्य मार्गों से पैदल कलेक्टरी तक जाकर सनातनी एकता का परिचय दिया जहां संतों ने देश महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , गृहमंत्रालय , देश के सर्वोच्च न्यायालय एवं तमिलनाडु के राज्यपाल के नाम माननीय ज़िलाधीश महोदय को ज्ञापन सौंपा । रास्ते भर सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्थान ,भारत माता की जय के उद्घोष किए गए एवं स्टालिन के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की माँग की ।