भारत

Samastipur: खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी बूढ़ी गंडक नदी, रेलवे पुल पर मंडराया खतरा

Tara Tandi
5 Oct 2020 5:07 PM GMT
Samastipur: खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी बूढ़ी गंडक नदी,  रेलवे पुल पर मंडराया खतरा
x
बिहार के समस्तीपुर से सटी बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी है. दोबारा बाढ़ का पानी नदी में आने के बाद रेलवे...

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| बिहार के समस्तीपुर से सटी बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी है. दोबारा बाढ़ का पानी नदी में आने के बाद रेलवे की भी परेशानी बढ़ गई है. रेल ब्रिज पर दोबारा आए बाढ़ के पानी का कितना असर हुआ है इसका जायजा रेलवे के बड़े अधिकारियों की टीम लेने में जुट गई है. इससे समस्तीपुर दरभंगा रेलवे सेक्शन के डाउन लाइन के ब्रिज पर आवागमन को लेकर संशय की स्थिति बन गई है.

ब्रिज की लाइफ और इसकी वर्तमान स्थिति की जांच करने के लिए रेलवे ने कोलकाता की एक कंपनी को लगाया है. जो आधुनिक उपकरण लगाकर इंजन को अलग-अलग रफ्तार से चलाकर ब्रिज के स्पाइनल से लेकर हर एक बिंदुओं की जांच कर रहा है. इसकी निगरानी गृह मंत्रालय और रेलवे की चीफ इंजीनियर पटना की टीम ब्रिज पर जाकर कर रही है.

गंडक नदी खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी

बता दें कि बूढ़ी गंडक नदी पर डाउन लाइन का रेलवे ब्रिज अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है. समस्तीपुर दरभंगा रेलवे सेक्शन पर किसनपुर स्टेशन तक ट्रैक की डबलिंग होने के बाद इस पुराने ब्रिज से आवागमन के लिए सेफ्टी विभाग ने एक साल पहले जांच के बाद हरी झंडी दी थी. लेकिन 1 साल बीत जाने के बावजूद नए ब्रिज का निर्माण धीमी गति से होने के कारण पूरा नहीं हो पाया. इस बीच दो बार बूढ़ी गंडक नदी में बाढ़ का पानी काफी तेज धार के साथ आ गया है.

रेलवे ब्रिज अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है.

अब रेलवे फिर से इस ब्रिज पर 5 से 30 किलोमीटर की स्पीड में लाइट इंजन चलाकर मशीन द्वारा पता कर रही है कि ब्रिज की लाइफ लाइन कितनी है. कितनी रफ्तार से इस पर ट्रेनों को चलाया जा सकता है. कोलकाता कंपनी के कर्मी ने बताया कि हम मशीन में डेटा कलेक्ट करने के बाद एमआईटी को रिपोर्ट देंगे. रेलवे के अधिकारी बताते है कि इस पुल के लिए एक साल का एक्सटेंशन लेने के लिए डेटा लिया जा रहा है. एमआईटी की रिपोर्ट के आधार पर फिर इस पर ट्रेन किस गति से चल सकती है. पुल में और क्या-क्या सुधार करने की जरूरत है. उसके बाद ही इस पर ट्रेन चलाने की अनुमति मिल पाएगी.

श्मशान घाट और कब्रिस्तान डूबे

बूढ़ी गंडक नदी में दोबारा आए उफान के कारण समस्तीपुर में नदी के करीब बसे 200 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ये लोग अपने सामानों को लेकर बांध पर तंबू बनाकर रहने को मजबूर हैं.

नदी स्थित श्मशान घाट और कब्रिस्तान भी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. जिसकी वजह से शवों के अंतिम संस्कार में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि शहर स्थित बूढ़ी गंडक नदी के दोबारा जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है. जो खतरे के निशान को पार कर गई है. इस कारण नदी में बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं. बूढ़ी गंडक नदी के मगरदही घाट और रेलवे पुल स्थित लोग बेघर हो गए हैं.

Next Story