कांग्रेस वापसी के बाद बोले समंदर पटेल, अपमानित महसूस करते थे भाजपा में
एमपी। भारतीय जनता पार्टी के नेता और ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार समंदर पटेल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख कमल नाथ की उपस्थिति में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं. समंदर पटेल प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित पीसीसी कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. बताया गया कि इस दौरान वह 800 से अधिक वाहनों के काफिल के साथ नीमच के जावद क्षेत्र से भोपाल के पीसीसी दफ्तर पहुंचे थे.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार और मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति के सदस्य कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. नीमच के जावद क्षेत्र के अन्य पिछड़ा वर्ग के नेता समंदर पटेल (52) उस समय भाजपा में शामिल हुए थे जब सिंधिया और उनके प्रति वफादार विधायकों ने मार्च 2020 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिससे कमल नाथ सरकार गिर गई थी. हालांकि इस बार कांग्रेस में शामिल होते हुए समंदर पटेल ने कहा वह भाजपा में अपमानित महसूस करते थे.
उन्होंने मीडिया बातचीत में कहा, ''भाजपा ने न तो मुझे स्वीकार किया और न ही मेरे समर्थकों का सम्मान किया. कार्य समिति का सदस्य होने के बावजूद मुझे कभी भी पार्टी कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया गया. वास्तव में मेरे समर्थकों को झूठे मामलों में फंसाया गया.'' पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि पटेल समर्थकों सहित लगभग 800 वाहनों के काफिले में आए और राज्य इकाई प्रमुख कमल नाथ की उपस्थिति में शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. पटेल ने कहा, ''मैं सिंधिया खेमे से कांग्रेस में लौटने वाला पांचवां व्यक्ति हूं क्योंकि मैंने भाजपा में अपमानित महसूस किया, जिसके नेता मेरे क्षेत्र में भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.'' पटेल ने दावा किया कि वह 1993 से माधवराव सिंधिया और उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक थे. उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में जावद से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था और 35,000 वोट हासिल किए थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले उन्हें फिर से शामिल किए जाने से पहले कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था.
उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को जब वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए तो जावद से 7000 लोग उनके साथ थे. भाजपा से वापसी करने वाले सिंधिया के वफादारों में शिवपुरी जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव भी शामिल हैं. एमपी में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.