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सैम डिसूजा का दावा: समीर वानखेड़े है ईमानदार अफसर, शाहरुख की मैनेजर ने 50 लाख...

jantaserishta.com
3 Nov 2021 9:13 AM GMT
सैम डिसूजा का दावा: समीर वानखेड़े है ईमानदार अफसर, शाहरुख की मैनेजर ने 50 लाख...
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मुंबई: कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स केस में कुछ और खुलासे हुए हैं। केस से चर्चा में आए सैम डिसूजा का दावा है कि पूजा ददलानी ने आर्यन खान को गिरफ्तारी से बचाने के लिए रुपये दिए थे। सैम ने एक इंटरव्यू में बताया कि गोसावी ने पूजा तक ये मेसेज पहुंचाया था कि आर्यन के पास कुछ नहीं मिला है। वह उन्हें बचाने में मदद कर सकते हैं लेकिन टोकन अमाउंट 50 लाख चाहिए। इसी वजह से पूजा ने केपी गोसावी को 50 लाख रुपये दिए थे। जब पता चला कि किरण गोसावी चीट है तो सैम ने पूजा के पैसे वापस दिलवाए। सैम ने बताया कि उनका रोल गोसावी से पूजा को कनेक्ट करवाने का था। इसके लिए सुनील पाटिल नाम के शख्स ने उनको फोन किया था। वह यह समझकर हेल्प कर रहे थे कि बेगुनाह है तो बचाना अच्छा काम है। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि गोसावी सिर्फ एनसीबी के टच में होने का दिखावा कर रहा था। समीर वानखेड़े का डील में कोई रोल नहीं है।

ड्रग केस के गवाह प्रभाकर साइल ने अपने एफिडेविट में कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। इसमें बिजनसमैन सैम डिसूजा का नाम भी आया था। अब सैम ने एबीपी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में बताया है कि शाहरुख की मैनेजर पूजा ददलानी ने केपी गोसावी को 50 लाख रुपये दिए थे। केपी गोसावी भी ड्रग केस में गवाह हैं। गोसावी की असलियत पता चलने पर ये रुपये पूजा को वापस दिलवाए गए।
सैम ने बताया कि केपी गोसावी डील करना चाहता था। उसने बताया था कि आर्यन बेगुनाह है। उसके पास ड्रग्स नहीं मिली है तो उसे छुड़ाने में मदद करनी चाहिए। इसके बदले में 50 लाख रुपये टोकन अमाउंट की मांग की थी। सैम ने कहा कि वह गोसावी को पहले से नहीं जानते थे। उनके पास सुनील पाटिल नाम के शख्स का फोन आया था। उन्होंने कहा था कि कॉर्डेलिया शिप से जुड़ी कुछ जानकारी है और सुनील ने ही गोसावी से कनेक्ट करवाया था।।
सैम ने बताया कि गोसावी ने पूजा ददलानी से कॉन्टैक्ट करवाने के लिए उनकी मदद मांगी थी क्योंकि उनका होटेलियर दोस्तों का ग्रुप पूजा के टच में था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैम ने ये भी कहा कि एनसीबी के अफसर करप्ट नहीं हैं। बताया कि गोसावी सिर्फ समीर वानखेड़े के टच में होने का दिखावा कर रहा था। ऐसा करके वह डील करना चाहता था। इसके लिए उसने अपने ही लोगों को नंबर एनसीबी अफसर समीर वानखेड़े के नाम से सेव कर रखे थे ताकि ऐसा लगे के वे एनसीबी के टच में हैं। वे लोग आपस में ही एक-दूसरे को कॉल कर रहे थे।

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