मेरठ। कोरोना के इस दौर में जहां स्कूल कॉलेज बंद हैं, लेकिन मदद का जज्बा रखने वाले छात्र-छात्राओं ने घर बैठे ही कोविड के मरीजों और उनके तीमारदारों की मदद करने का अभियान शुरू किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया और देखते ही देखते उनके ग्रुप में देशभर के तकरीबन 250 छात्र छात्राएं जुड़ गए. अपने ही अंदाज में कोरोना के मरीजों की मदद के लिए आगे आ गए.
मेरठ की रहने वाली इंटरमीडिएट की छात्रा अवनी सिंह, इंटरमीडिएट के छात्र ऋषय गुप्ता और सहारनपुर में इंटरमीडिएट के छात्र अंश ने कोरोना मरीजों की मदद के लिए वॉलिंटियर्स का एक ग्रुप तैयार किया. इस ग्रुप में 250 छात्र छात्राएं जिनकी उम्र सोलह से सत्रह साल हैं. यह अपने अपने तरीके से कोरोना मरीजों की मदद करते हैं. मेरठ और सहारनपुर के इन छात्र -छात्राओं ने बताया कि वो इससे पहले नेशनल स्टूडेंट ऑर्गोनाइजेशन स्टूडोमैट्रिक्स में अपना योगदान दे रहे थे. उन्होंने कोरोना मरीजों की मदद के लिए कोविड 19 सहायता केन्द्र खोला. ग्रुप में देशभर के 250 से अधिक वॉलिंटियर्स को जोड़ा. देखते ही देखते देश के अलग-अलग शहरों में इन बच्चों के नंबर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गए और लोगों ने इन बच्चों से कभी ऑक्सीजन बेड्स कभी नॉर्मल बेड्स, आईसीयू बेड्स, प्लाज्मा डोनर्स, ऑक्सीजन सिलेंडर्स की मदद मांगी और इन बच्चों ने सीएमओ डीएम और अधिकरियों से बात करके जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई.
छात्र -छात्राओं ने बताया कि उनसे कोई भी सोशल मीडिया पर दिए गए नंबर्स पर संपर्क कर सकता है. इन छात्र छात्राओं ने बताया कि ऑल इंडिया स्टूडेन्ट ऑर्गेनाइजेशन के तहत वो आए दिन इवेंट करते हैं. ये समय इवेंट करने का नहीं है, बल्कि हर एक भारतसी की मदद करने का है. उन्होंने बताया कि वो लोगों की रिक्वेस्ट देखते हैं. उसे वैरिफाई करते हैं और फिर प्रशासन और मरीज के बीच मीडिएटर के तौर पर कार्य करते हैं. छात्र छात्राओं ने बताया कि वो ब्लैक मार्केटिंग को भी रोकने को कार्य करते हैं और प्रशासन तक सही बात पहुंचाते हैं. विद्यार्थियों ने बताया कि बीस से पच्चीस शहरों के उनके ग्रुप से कई सदस्य जुड़ चुके हैं. चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, दिल्ली, पलवल, गुरुग्राम नोएडा मेरठ सहित कई शहरों में ये टीम कोरोना मरीजों की मदद कर रही है.