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छह माह पहले आत्महत्या करने वाली सलोनी के माता-पिता धरने पर पहुंचे, जांच की मांग

Shantanu Roy
29 July 2023 5:29 PM GMT
छह माह पहले आत्महत्या करने वाली सलोनी के माता-पिता धरने पर पहुंचे, जांच की मांग
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अजमेर। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में बुधवार रात को हॉस्टल में सोशलवर्क डिपार्टमेंट की पीएचडी स्टूडेंट फुन्स्टॉग डोल्मा के फंदा लगाकर आत्महत्या के मामले में तीसरे दिन शुक्रवार को भी छात्रों ने विरोध किया। कुछ छात्र बारिश में छाता लेकर सीयूआर कैंपस में धरने पर बैठकर विरोध जताते रहे। छात्रों का आरोप है कि सिक्युरिटी ऑफिसर से इस्तीफे की मांग की जा रही है और ऑफिसर छात्रों पर दबाव बना रहा है। छात्रों ने लिखित में सीयूआर प्रशासन को शिकायत दी है। साथ ही यूनिवर्सिटी के एक ऑर्डिनेंस का हवाला देते हुए छात्रों का कहना है कि ऐसी शिकायत पर सिक्योरिटी ऑफिसर को तीन महीने के लिए निलंबित किया जा सकता है। दूसरी ओर से स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इंडिया विद्यार्थियों के पक्ष में उतर आई।
संगठन ने आरोप लगाया कि यह सुसाइड नहीं संस्थागत हत्या है। छह महीने पूर्व आत्महत्या करने वाली सलोनी साहू के माता-पिता और भाई भी केंद्रीय विश्वविद्यालय पहुंच गए। उन्होंने विरोध कर रहे छात्रों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि सीयूआर प्रशासन और पुलिस छह महीने में निष्पक्ष जांच करती तो शायद फुन्सटॉग डोल्मा जान नहीं गंवाती। मालूम हो कि बुधवार रात को हॉस्टल में पीएचडी स्टूडेंट फुन्स्टॉग डोल्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सीयूआर परिसर में तीसरे दिन धरने पर बैठे विद्यार्थियों से बात करते सलोनी साहू के माता-पिता। 27 जनवरी को सलोनी साहू ने आत्महत्या की थी। उनके पिता रामकिशोर साहू, माता व भाई शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां धरने पर बैठे छात्रों से मुलाकात की। साहू ने बताया कि उनकी बेटी की छह महीने पहले मौत हुई थी। पुलिस ने छह महीने से कोई कार्रवाई नहीं की।
बेटी का मोबाइल भी पुलिस के पास है। उसमें कई राज है। लेकिन पुलिस और सीयूआर प्रशासन निष्पक्ष जांच करता तो आज फुन्स्टॉग डोल्मा जिंदा होती है। साहू ने आरोप लगाया कि सिक्युरिटी गार्ड राजपाल कोई सहयोग नहीं कर रहा है। हम बेटी की लाश को लेने गए थे तब उसने वीडियोग्राफी बनाई थी। बाद में गए तो मना कर दिया कि वीडियोग्राफी नहीं की।इसका मतलब वो कुछ छिपा रहे है। मेरी बेटी का सुसाइड नोट बताया, वह सुसाइड नोट नहीं है। बेटी की पर्सनल डायरी है, उसे कक्षा 9 से शेरो शायरी लिखने का शौक था। उसको सुसाइड नोट बताकर हमें गुमराह किया। पिता ने कहा छात्र-छात्राओं को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। मैंने बच्चियों से मिलकर बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह घबराई हुई थी।
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