दिल्ली। दुनिया के शीर्ष ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने भारत के संत श्री नारायण गुरु की सराहना की है और उनके संदेश को पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक बताया है। पोप फ्रांसिस ने कहा कि नारायण गुरु का समाज सुधारक का संदेश ‘आज की हमारी दुनिया के लिए प्रासंगिक है, जहां हमें लोगों और देशों के बीच असहिष्णुता तथा नफरत बढ़ने के उदाहरण देखने को मिल रहे हैं।’ एर्नाकुलम जिले के अलुवा में श्री नारायण गुरु के सर्व-धर्म सम्मेलन के शताब्दी समारोह के अवसर पर शनिवार को वेटिकन में जुटे धर्मगुरुओं और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए पोप ने यह बात कही।
पोप ने कहा कि आज दुनिया में जो अशांति का माहौल है उसके लिए धर्मों की शिक्षाओं को न अपनाना भी कहीं न कहीं जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि गुरु ने अपने संदेश के माध्यम से सामाजिक और धार्मिक जागृति को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
पोप ने कहा कि गुरु ने अपने संदेश में कहा था कि सभी मनुष्य, चाहे उनकी जाति, धर्म और सांस्कृतिक परंपराएं कोई भी हों, एक ही मानव परिवार के सदस्य हैं। पोप ने कहा, ‘उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी तरह से और किसी भी स्तर पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।’