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जानें पूरा मामला.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला स्थित भारत सेवाश्रम संघ से जुड़े संत कार्तिक महाराज ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कानूनी नोटिस भेजा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक जनसभा में कार्तिक महाराज का नाम लेते हुए उन पर लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए काम करने और मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया था।
सीएम को भेजे कानूनी नोटिस में महाराज ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री के आरोप निराधार, झूठे और अपमानजनक हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से चार दिन के भीतर जवाब मांगा है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है। नोटिस की कॉपी आईएएनएस के पास उपलब्ध है। कार्तिक महाराज ने मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री को कानूनी नोटिस भेजे जाने की पुष्टि की और कहा, "उन्होंने आरोप लगाया है कि मैंने पोलिंग बूथ से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भगाने का आह्वान किया है। मैंने कभी ऐसा नहीं कहा। मैं एक संन्यासी हूं। मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं। मुख्यमंत्री अपने आरोप कभी साबित नहीं कर सकेंगी।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राज्य में तीन अलग-अलग रैलियों में कहा था कि मुख्यमंत्री रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ और इस्कॉन जैसे ख्याति प्राप्त संस्थानों के संतों को धमका रही हैं।
खबर लिखे जाने तक नोटिस पर तृणमूल कांग्रेस की ओर के कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी। हालांकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने "सनातन धर्म पर ममता बनर्जी के लक्षित हमलों" के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए कार्तिक महाराज की सराहना की।
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