"सहारा इंडिया परिवार इसमें शामिल सभी व्यक्तियों और पार्टियों के ऐसे कृत्यों की निंदा करता है और उनके अपमानजनक व्यवहार का विरोध करेगा। अवैध चित्रण को लेकर इस संबंध में पीड़ित सदस्य निर्माता, निर्देशक और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की सलाह मांग रहे हैं।" समूह ने कहा कि उसका मानना है कि सेबी और सहारा के बीच विवाद अभी भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है और इस मामले की कार्यवाही को प्रभावित करने का कोई भी प्रयास अदालत की अवमानना को आकर्षित करेगा, इसके अलावा ऐसे कृत्य आपराध की श्रेणी में आएंगे।
बयान में कहा गया है, "स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति के अधिकार की आड़ में किसी को भी उस व्यक्ति की सद्भावना और प्रतिष्ठा को कम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो खुद का बचाव करने के लिए उपलब्ध नहीं है। एसओ के शीर्षक में 'घोटाला' शब्द का उपयोग और इसे सहारा से जोड़ना प्रथम दृष्टया अपमानजनक लगता है, और यह सहाराश्री जी और सहारा इंडिया परिवार की छवि और प्रतिष्ठा को कम करता है।''
सहारा इंडिया परिवार ने किसी भी चिट-फंड गतिविधि में शामिल रहने से इनकार करते हुए कहा : "यहां तक कि सहारा-सेबी मुद्दा भी सहारा द्वारा जारी ओएफसीडी बांड पर सेबी के अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद था।"