साधु ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, बीजेपी विधायक के नाम पर छोड़ा सुसाइड नोट
सोर्स न्यूज़ - आज तक
राजस्थान। भरतपुर के बाद अब जालोर जिले में एक साधु ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आश्रम की जमीन को लेकर चल रहे विवाद के बीच साधु ने यह कदम उठाया. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है. इस नोट में जमीन को लेकर भाजपा विधायक पूराराम चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. बताया जा रहा है कि यह जमीन विधायक के रिश्तेदार के नाम पर है. जसवंतपुरा पुलिस ने इस मामले में विधायक सहित तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.
थानाधिकारी मनीष सोनी ने बताया कि जिले के रानीवाड़ा उपखंड स्थित राजपुरा गांव का यह मामला है. यहां सुंधामाता तलहटी के पास बाला हनुमान आश्रम के संत रविनाथ (60) ने पेड़ पर फंदा लगाकर फांसी लगा ली. दरअसल, आश्रम के पीछे भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी सहित कुछ लोगों की जमीन है, लेकिन रास्ता नहीं था. इस पर साधु के आश्रम में से रास्ता लेने को लेकर विवाद चल रहा था. तीन दिन पहले विधायक पूराराम ने अपने लोगों को आश्रम में खाई खोदने भेजा था. उन्होंने आश्रम के पास यह खाई खोद दी. इस विवाद के चलते साधु रविनाथ ने पेड़ पर फांसी के फंदे से लटकर आत्महत्या कर ली.
बताया गया कि देर रात विधायक पूनमाराम अपने पांच आदमियों के साथ आश्रम में ही सोया था. सुबह सबसे पहले उठकर उसी ने साधु को लटकते हुए देखा. फिर पुलिस को सूचना दी. घटना के बाद आक्रोशित लोगों और साधु-संतों की भीड़ जुट गई. लोगों के आक्रोश को देखते हुए जसवंतपुरा, रानीवाड़ा और भीनमाल थाने से पुलिस जाब्ता बुलाकर मौके पर तैनात किया गया.
सूचना के बाद एडीएम राजेंद्र सिंह, सांचौर डीएसपी रूप सिंह इंदा सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. मौके पर पहुंची पुलिस ने साधु के सुसाइड नोट को जब्त कर लिया. इसे किसी को भी नहीं दिखाया गया है. जिससे लोगों में आक्रोश छा गया. गुस्साए लोगों ने अंतिम संस्कार करने से पहले इस सुसाइड नोट का खुलासा करने की मांग की है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद अंतिम संस्कार करने की बात अड़ गए.
इस मामले में भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी ने बताया कि उसकी खातेदारी जमीन सुंधा माता तलहटी के पास हनुमान आश्रम के पास है, जिसे उन्होंने 30 साल पहले खरीदा था. उस जमीन पर रिसॉर्ट बनाने की प्लानिंग की जा रही है. तहसीलदार से पैमाइश की इजाजत लेकर गुरुवार को पटवारी से जमीन नपवाई थी. हनुमान आश्रम में रास्ते के लिए मैंने ही खातेदारी से जमीन छोड़ी है.
विधायक का कहना है कि आत्महत्या के मामले की जांच होनी चाहिए. दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए. साधु के साथ न्याय होना चाहिए. मुझे तो इसमें हत्या का मामला प्रतीत होता है. हमने तो 2 दिनों से साधु के साथ राजी खुशी खेत को नपवाया था. हमारे बीच में कोई विवाद नहीं था. उनके कहने से ही मैंने मेरी खातेदारी में से रास्ते के लिए जगह छोड़ी, जो मौके पर पड़ी है. एसपी हर्षवर्धन ने बताया कि साधु के अंतिम संस्कार के लिए आश्रम के संतों और लोगों को समझाइश दी जा रही है. सुसाइड नोट में क्या है, उसका खुलासा नहीं किया जा सकता. जांच प्रभावित हो सकती है. रिपोर्ट आने पर मामला दर्ज कर इस मामले में न्याय दिलाया जाएगा.