सोर्स न्यूज़ - आज तक
कानपुर देहात में बुलडोजर से गरीब परिवार का घर गिराये जाने और उसमें दो लोगों की मौत के बाद सीतापुर में भी प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई सुर्खियों में है. आरोप है कि एक गरीब आटा चक्की चलाने वाले कैंसर पीड़ित के घर और दुकान को तोड़ दिया गया. ये कार्रवाई रामकोट थाना क्षेत्र में की गई है. पुलिस ने गांव के बाहर सरकारी संपत्ति पर बने एक झोपड़ी और आटा चक्की पर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है जबकि शख्स ने खुद को कैंसर पीड़ित बताकर घर और आटा चक्की को नहीं हटाने की गुहार लगाई थी.
हालांकि पीड़ित शख्स की गुहार काम नहीं आई. प्रशासन द्वारा पुलिस फोर्स की मदद से इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया जिसके बाद से पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी जाहिर की है. जानकारी के मुताबिक, कटैया गांव के रहने वाले विनीत वर्मा गांव के बाहर सरकारी जमीन पर झोपड़ी डालकर एक आटा चक्की का संचालन कर रहे थे. विनीत ने बताया कि वह गंभीर बीमारी कैंसर से पीड़ित है. सरकारी जमीन पर आटा चक्की लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं. उनके मुताबिक वो आटा चक्की से 1975 से ही जीवन यापन कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर इस आटा चक्की की वजह से गांव में कई बार विवाद हो चुका था. पीड़ित का आरोप है कि कुछ विरोधियों से मिलकर प्रशासन ने यह कार्रवाई की है. इस पूरे मामले को समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया गया जिसके बाद यह वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन बचाव की मुद्रा में आ गया है.
देर शाम जिला प्रशासन की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर इस मामले में सफाई दी गई है जिसमें कहा गया है कि पीड़ित तालाब की जमीन पर अवैध रूप से चक्की का संचालन कर रहा था और उसके द्वारा पक्के निर्माण की कोशिश की जा रही थी. वहीं पीड़ित का कहना है कि प्रशासन की ये कार्रवाई पूरी तरह गलत है. विनीत वर्मा ने कहा कि लेखपाल ने गलत रिपोर्ट देकर उसकी चक्की को अवैध घोषित कर दिया और उसे तोड़ दिया गया. पीड़ित वर्मा ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा इतना समय भी नहीं दिया गया कि वो दुकान के अंदर रखे सामान, कंप्यूटर और गल्ला को बाहर निकाल सकें.