रूस-यूक्रेन संघर्ष से भू-राजनीतिक सुरक्षा में पैदा हुई अशांति : मनोज पांडे
दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने पुणे में सोमवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को खत्म करने के लिए चीन अपनी 12 सूत्रीय शांति योजना के साथ अमेरिका को वैश्विक सुरक्षा प्रोवाइडर के रूप में रीप्लेस करना चाहता है. उन्होंने कहा,"रूस-यूक्रेन संघर्ष ने भू-राजनीतिक सुरक्षा में अशांति पैदा कर दी है." उन्होंने कहा, "ईरान और अरब में शांति बहाल कराने और यूक्रेन-रूस के बीच संघर्ष को खत्म करने के लिए चीन की शांति योजना अमेरिका को वैश्विक सुरक्षा प्रदाता के रूप में रीप्लेस करने की तात्कालिकता को दर्शाता है."
सेना प्रमुख ने एक राजनीतिक, तकनीकी और सैन्य शक्ति के रूप में चीन के उदय और वैश्विक विश्व व्यवस्था में इसकी स्थिति के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, “इन अभिव्यक्तियों का निश्चित रूप से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है. ऐसी पृष्ठभूमि के बीच चीन का उदय जारी है. यह उदय क्षेत्रीय और वैश्विक आकांक्षाओं से प्रेरित है.
उन्होंने आगे कहा- “चीन इंडो-पैसिफिक, अफ्रीका और हमारे पड़ोस में मिलिट्री बेस स्थापित करने जैसे आक्रामक प्रयासों से अपनी सैन्य शक्ति को प्रोजेक्ट करने की इच्छा को दिखा रहा है. चीन दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों समेत कई इलाकों में अपना सैन्य हथियार, उपकरण प्रौद्योगिकी का प्रसार सैन्य क्षमताएं बढ़ा रहा है, जो चिंता का विषय है. मनोज पांडे ने दक्षिण एशियाई भू-राजनीति के अलावा अनसुलझे सीमा विवादों के साथ-साथ जलवायु आपदाओं की चपेट में आने समेत इस क्षेत्र की समस्याओं पर भी बात की.
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया दुनिया में सबसे कम आर्थिक रूप से सम्पन्न है, जिस कारण इस क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक असंतुलन है. हम इसे अनिश्चितता, अनसुलझे सीमा विवादों को एक आर्क के रूप में कल्पना कर सकते हैं. दक्षिण एशिया क्षेत्र में क्षेत्रीय और समुद्री कानूनी सीमा पार अवैध और अनियमित मछली पकड़ने और बढ़ते धार्मिक कट्टरवाद जैसे गैर-पारंपरिक अपराध, क्षेत्रीय अतिसंवेदनशीलता, जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय अपराध जैसी समस्याएं हैं.