भारत
सीएम अपने बयान पर घिरे: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बोला, अदालत की अवमानना से डरे नहीं, देखें वीडियो
jantaserishta.com
27 Sep 2021 1:57 AM GMT
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अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपलब देब ने एक विवादित बयान देकर फिर से बवाल खड़ा कर दिया है। देब ने त्रिपुरा सिविल सर्विस ऑफिसरों की एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा अधिकारियों को अदालत की अवमानना से डरे बिना काम करना चाहिए। देब के इस बयान पर टीएमसी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। खुद टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर देब को पूरे देश के लिए शर्मनाक बताया है।
बिपलब देब ने कहा, 'कोर्ट की अवमानना इस तरह से कही जाती है जैसे कोई बाघ बैठा हो। मैं बाघ हूं। सत्ता उसी के पास होती है जो सरकार चलाता है। इसका मतलब है कि सारी शक्ति लोगों के पास है। हम 'लोगों की सरकार है, न कि अदालत की सरकार।'
देब ने यह भी उल्लेख किया कि कैसे राज्य के पूर्व मुख्य सचिव को उनके कार्य से इसलिए मुक्त कर दिया गया था क्योंकि उन्हें अदालत की अवमानना का डर था।
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने बिपलब देब के बयान का वीडियो ट्वीट करते हुए साथ में मिला, 'बिपलब देब पूरे देश के लिए शर्मनाक हैं! वह बेशर्मी से लोकतंत्र, न्यायिक व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं, क्या सुप्रीम कोर्ट इनके बयान का संज्ञान लेगा जिसमें अपमान झलक रहा है?'
.@BjpBiplab is a DISGRACE to the entire nation!
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) September 26, 2021
He shamelessly mocks Democracy, MOCKS the Hon'ble JUDICIARY and seemingly gets away with it!
Will the SUPREME COURT take cognizance of his comments that reflect such grave disrespect? pic.twitter.com/0qEAdBQ54r
अभिषेक बनर्जी के ट्वीट पर बिपलब देब के ओएसडी ने प्रतिक्रिया दी है। संजय मिश्रा ने ट्वीट किया, 'अपना फेक प्रॉपेगेंडा फैलाने से पहले आपको पूरी स्पीच सुननी चाहिए। आप सरकारी संस्थाओं का कितना सम्मान करते हैं, यह हम सब जानते हैं।'
वहीं, सीपीएम नेता पबित्र कार ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने जो भी बयान दिया वह संविधान और न्यायिक व्यवस्था पर हमला है। एक मुख्यमंत्री होने के नाते वह ऐसे बयान नहीं दे सकते। हम इसकी निंदा करते हैं और हम न्यायालय का भी ध्यान इस तरफ खींचने की कोशिश करेंगे।'
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