देश के अलग-अलग राज्यों में हिंदू 'धर्म संसद' का आयोजन किया जा रहा है और इसमें शामिल होने वाले साधु-संत अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में आते जा रहे हैं. रविवार को ही धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की सराहना की और कहा कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए सरकार के प्रमुख के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता का चुनाव करना चाहिए. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में भाषण देते हुए कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ एक अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया, जिसकी सत्तारूढ़ कांग्रेस समेत दूसरे दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की है.
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने तल्ख शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से लिखा है, ''यह भगवाधारी फ्रॉड राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सरेआम गालियां दे रहा है, इसे तत्काल अंदर करना चाहिए. गांधी जी से किसी को वैचारिक मतभेद हो सकता है, पर उनका अपमान करने का हक किसी को नहीं है. यह अक्षम्य अपराध है.'' महाराष्ट्र सरकार में ऊर्जा मंत्री डॉ नितिन राउत ने कहा है, ''ये कैसा देश बना दिया नरेंद्र मोदी जी आपने? जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को खुले मंच से गालियां दी जा रही और सामने बैठे लोग तालियां पीट रहे हैं. इनपर देशद्रोह लगा दें, यही बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.''
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा, ''सत्य, अहिंसा को झूठे और हिंसक कभी हरा नहीं सकते. बापू हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं.'' आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है. AAP ने ट्विटर पर लिखा है, ये कौन है जो हमारे राष्ट्रपिता को गाली दे रहा है? मोदी जी कुछ करेंगे या इनको भी सिर्फ़ "दिल से माफ़ नही कर पाएंगे."
दरअसल, रायपुर के रावण भाटा मैदान में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन दिवस पर बोलते हुए, कालीचरण ने कहा, "इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है. हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया था... उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. उन्होंने राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया था... मैं नाथूराम गोडसे को सलाम करता हूं कि उन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या की."
कालीचरण की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व विधायक और छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा, देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने वाले राष्ट्रपिता के खिलाफ इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. दास ने कहा, जिस उद्देश्य के साथ यह आयोजन किया गया था, वह अपने रास्ते से भटक गया है ... आजादी के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने वाले महात्मा गांधी को देशद्रोही बताया जा रहा है. मैं आयोजक से पूछना चाहता था कि उन्होंने इस तरह की आपत्ति क्यों नहीं उठाई? राष्ट्रपिता के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा था....मुझे खेद है, लेकिन मैं इस आयोजन से खुद को अलग कर रहा हूं." इसके बाद दास मंच से चले गए.
कालीचरण की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कार्यक्रम के आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा कि वह पूर्व के बयान से पूरी तरह असहमत हैं. इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस कम्युनिकेशन विंग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, 'महात्मा गांधी के खिलाफ इस तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल बेहद आपत्तिजनक है. कालीचरण को पहले यह साबित करना चाहिए कि वह एक संत हैं.' उधर, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने हरिद्वार की धर्म संसद में दिए गए भड़काऊ भाषणों को लेकर एक ट्वीट किया है. टीएमसी सांसद ने आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट को वकीलों के पत्र पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें हरिद्वार और दिल्ली के भड़काऊ भाषण मामले में स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है.
यह भगवाधारी फ़्रॉड राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को सरेआम गालियाँ दे रहा है, इसे तत्काल अंदर करना चाहिए।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) December 26, 2021
गाँधी जी से किसी को वैचारिक मतभेद हो सकता है,पर उनका अपमान करने का हक किसी को नहीं है।
यह अक्षम्य अपराध है।pic.twitter.com/ToQF1ZC8AJ