क्रिसमस सेलिब्रेशन रोके जाने पर बवाल, ग्रामीणों ने की जमकर नारेबाजी
उत्तराखंड। उत्तरकाशी में क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान कथित जबरन 'धर्मांतरण' को लेकर हंगामा हो गया. इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. बताया जा रहा है कि लोगों को जब पता चला कि एक संस्था के लोग 'धर्मांतरण' करवा रहे हैं, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी. इस विवाद के चलते क्रिसमस सेलिब्रेशन रोक दिया गया. जिम्मेदार इस घटना की जांच कर रहे हैं.
यह घटना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला गांव की है. यहां शुक्रवार को लोगों ने आरोप लगाया कि एक ईसाई संगठन जबरन धर्मांतरण करवा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि धर्मांतरण के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे. यहां क्रिसमस समारोह होना था. इससे पहले 12 नेपाल के और कुछ स्थानीय लोग ईसाई केंद्र के एक निर्माणाधीन भवन में पहुंचे थे.
इसी बीच कथित जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर ग्रामीणों और कार्यक्रम के आयोजकों के बीच विवाद होने लगा. मामले का विरोध करते हुए स्थानीय लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. लोगों कथित तौर पर धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस मामले की जांच की जा रही है. बता दें कि उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून को और सख्त कर दिया है. अब ऐसा करने वालों को जमानत भी नहीं मिल सकेगी, साथ ही दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद और जुर्माने की सजा भी दी जाएगी. बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां जबरन धर्मांतरण जैसी चीजें हमारे लिए खतरनाक हो सकती हैं. इसलिए सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून को सख्त बनाने का फैसला लिया है.
उत्तराखंड में 2018 में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून लाया गया था, उसमें 1 से 5 साल की कैद और एससी-एसटी के मामले में 2 से 7 साल की कैद की सजा का प्रावधान था, लेकिन अब नए कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.