चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष का सदन में हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक स्थगित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर आज संसद की मुहर भी लग गई. विपक्ष कृषि कानूनों की वापसी के बिल पर चर्चा की मांग पर अड़ा था, लेकिन सरकार चर्चा को तैयार नहीं था. विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि कानूनों की वापसी का बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया. अब राष्ट्रपति के मंजूरी मिलते ही तीनों कानून रद्द हो जाएंगे. विपक्ष चर्चा करने की मांग पर अड़ा था, लेकिन सूत्रों ने बताया कि सरकार इस पर चर्चा के लिए इसलिए तैयार नहीं हुआ क्योंकि उसका कहना था कि जब प्रधानमंत्री मोदी खुद माफी मांग चुके हैं तो फिर किस बात की चर्चा.
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद सत्र से पहले कहा कि संसद का ये सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. देश आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है. हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में से इस आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित के लिए, राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक, अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं, कदम उठा रहे हैं और आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को पूरा करने के लिए सामान्य नागरिक भी इस देश का कोई न कोई दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है. ये खबरें अपने आप में भारत के भविष्य के लिए शुभ संकेत है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों संविधान दिवस भी नए संकल्प के साथ संविधान की स्पिरिट को चरितार्थ करने के लिए दायित्व के संबंध में पूरे देश ने एक संकल्प किया है. इन सबके परिपेक्ष्य में हम चाहेंगे और देश भी चाहेगा कि भारत का संसद का ये सत्र और आगे आने वाले भी सत्र आजादी के दीवानों की जो भावनाएं थीं, आजादी के अमृत महोत्सव का जो स्पिरिट है, उसके अनुकूल संसद भी देश में चर्चाएं करे, देश की प्रगति के लिए रास्ते खोजे और उसके लिए ये सत्र बहुत ही विचारों की समृद्धि वाला, दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाले सकारात्मक निर्णय लेने वाला बने. मैं आशा करता हूं कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान किया, उस तराजू पर तौला जाए न कि किसने कितना जोर लगाकर संसद सत्र को रोक दिया. ये मानदंड नहीं हो सकता है. मानदंड ये होगा कि संसद में कितना सकारात्मक काम हुआ.
उन्होंने कहा, सरकार हर विषय पर खुली चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है और आजादी के अमृत महोत्सव में हम ये भी चाहेंगे कि संसद में सवाल भी हो, शांति भी हो. हम चाहते हैं संसद में सरकार के खिलाफ, नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में युवा पीढ़ियों के काम आए.
उन्होंने कहा, पिछले सत्र के बाद कोरोना की एक विकट परिस्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से अधिक डोज लगाए. अब हम 150 करोड़ की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. मैं संसद के सभी साथियों को भी सतर्क रहने के लिए प्रार्थना करता हूं, क्योंकि आप सबका उत्तम स्वास्थ्य ऐसी संकट की घड़ी में हमारी प्राथमिकता है. देश के 80 करोड़ से अधिक नागरिकों में इस कोरोनाकाल संकट में और अधिक तकलीफ न हो, इसलिए गरीब कल्याण योजना से अनाज मुफ्त देने की योजना चल रही है. अब इसे मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है. करीब डेढ़ लाख 60 हजार करोड़ की लागत से 80 करोड़ गरीबों की चिंता की गई है. मैं आशा करता हूं कि इस सत्र में देशहित के निर्णय हम तेजी से करें, मिलजुलकर करें, सामान्य मानवीय की आशा अपेक्षा को पूर्ण करने वाले निर्णय करें.