फाइल फोटो
पंजाब कैबिनेट में सांसद प्रताप सिंह बाजवा के भतीजे और विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे अर्जुन बाजवा को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर तथा लुधियाना से विधायक राकेश पांडेय के बेटे भीष्म पांडेय को नायब तहसीलदार बनाने के फैसले पर पंजाब की सियासत में एक बार फिर से गर्माहट पैदा हो गई है. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट में महज तीन मिनट में मुहर लगा दी.
इस पर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने अर्जुन को इंस्पेक्टर और भीष्म को नायब तहसीलदार बनाने पर कहा कि सीएम ने कुर्सी बचाने को अवैध नियुक्तियां की हैं. उन्होंने कहा कि शिअद-बसपा सरकार बनी तो नियुक्तियां रद्द कर दी जाएंगी. भाजपा और आम आदमी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला है. बवाल मचने पर इस सारे मामले में कैप्टन ने अब सफाई दी है.
सरकार की आलोचना करने पर शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि इन पार्टियों के लोगों के पिता या दादा ने मुल्क के लिए ऐसा बलिदान दिया हो, तो उनको भी सरकारी नौकरियां मुहैया करवाई जाएंगी. कैप्टन ने कहा कि दरअसल उन्होंने तो इन पार्टियों में से ऐसे कुछ व्यक्ति ढूंढने की कोशिश भी की लेकिन कोई भी नहीं मिला.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसे बलिदान देने वाले परिवार से आने वाले किसी भी व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पंजाब ने आतंकवाद का काला दौर झेला है जिसमें घटी भयानक हिंसा में 35000 बेकसूर लोगों की जान चली गई थी. उन्होंने ज़िक्र करते हुए कहा कि लगभग 1700 पुलिस जवान भी मारे गए और इन लोगों को उनके स्मारकों पर जाकर श्रद्धांजलि देना ही काफी नहीं है बल्कि राज्य को इन परिवारों को हुए नुकसान की पूर्ति के लिए और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है. गौरतलब है कि अर्जुन बाजवा पूर्व मंत्री सतनाम सिंह बाजवा के पोते हैं जिनकी आतंकियों ने 1987 में हत्या कर दी थी. वहीं, भीष्म पांडेय के दादा जोगिंदर पाल पांडेय की भी आतंकियों ने 1987 में हत्या की थी.