राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की 'किसानों की तरह बलिदान' देने वाली टिप्पणी पर पलटलवार किया है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि अगर फारूक अब्दुल्ला को भारत में घुटन महसूस होती है तो उन्हें यह देश छोड़ देना चाहिए और दुनिया के किसी अन्य हिस्से में, जो उन्हें पसंद है, वहां जाकर रहना चाहिए। दरअसल, फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रदेश की आवाम को किसानों की तरह बलिदान देना होगा।
आरएसएस के नेता ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के कथित दमन के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की भी आलोचना की और कहा, झूठ बोलना उनके लिए एक फैशन बन गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के दोनों नेताओं को 'उकसाने की राजनीति' करना बंद कर देना चाहिए और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बाधा नहीं बनना चाहिए। अब्दुल्ला की टिप्पणी पर उनके विचार पूछे जाने पर कुमार ने कहा, 'उनका (अब्दुल्ला) बयान स्पष्ट रूप से दिखाता है कि उन्हें हिंसा से प्यार है, शांति से नहीं। वह कह रहे हैं कि वह सभी को मार डालेंगे, उन्हें भूखा रखेंगे।'
पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 116वीं जयंती के अवसर पर नसीमबाग स्थित उनके मकबरे में सभा को संबोधित करते हुए फारूख अब्दुल्ला ने कहा, "11 महीनों में आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत हुई। किसानों के बलिदान पर केंद्र को तीन कृषि बिलों को रद्द करना पड़ा। हमें अपने अधिकारों को वापस पाने के लिए उस तरह का बलिदान भी करना पड़ सकता है।"