भारत
RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- जब तक चीन पर निर्भरता, तब तक उसके आगे झुकना पड़ेगा
jantaserishta.com
15 Aug 2021 6:16 AM GMT
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को मुंबई के IES राजा स्कूल में झंडा फहराया. इस दौरान उन्होंने भारत की आर्थिक स्वतंत्रता पर अपनी बात रखी. RSS प्रमुख ने कहा, 'हम इंटरनेट का और तकनीक का उपयोग करते हैं. जो मुख्य रूप से भारत से नहीं आती. हम कितना भी चीन के बारे में चिल्लाएं, लेकिन आपके फोन में जो भी चीजें हैं वह चीन से ही आती हैं. जब तक चीन पर निर्भरता रहेगी तब तक चीन के सामने झुकना पड़ेगा.'
इससे पहले उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सिकन्दर के आक्रमण करने से पहले भी देश पर आक्रमणकारियों का तांता लगा रहता था. इसे पूर्ण विराम हमने 15 अगस्त को दिया. मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी विदेशी आक्रांता का पैर हमारे जमीन पर पड़ता तो संघर्ष शुरू हो जाता था. लड़ाइयां लड़ने वाले महापुरुष प्रेरणा देते हैं. उनको आज स्मरण करना चाहिए. 15 अगस्त 1947 को हमारे राज्य की प्राप्ति हुई. जो विदेशियों के हाथ में था हमारा हुआ. हम अपना जीवन चलाने के लिए मुक्त हो गए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रध्वज की तरफ देखेंगे तो पता चलेगा कि योग्य बने रहना पड़ेगा. राष्ट्रध्वज में भगवा त्याग, पवित्रता की प्रेरणा देता है. वहीं शीर्ष पर होने के कारण हमारा लक्ष्य है, ऐसे समाज बनाने कि जो हमें ज्ञान की तरफ ले चले. उसके लिए भारत को स्वतंत्र करना होगा, ये हम करेंगे. सत्यता का शुद्धता का शीलयुक्त का प्रतीक है सफेद रंग.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तारवाद के नीति के लिए चीन और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि भारत दोनों चुनौतियों का करारा जवाब दे रहा है.
देश के 75वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई बाधा 21वीं सदी के भारत के सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सकती.
चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ''आज दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं. एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद. भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है.''
उन्होंने कहा कि भारत आज अपना लड़ाकू विमान, पनडुब्बी और गगनयान भी बना रहा है और यह स्वदेशी उत्पादन में भारत के सामर्थ्य को उजागर करता है.
उन्होंने कहा, ''21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती. हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है. हमारी प्राण शक्ति, राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम की भावना है.''
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