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भारत को आत्‍मन‍िर्भर बनाने के ल‍िए कदम उठाए जाने संबंधी प्रस्‍ताव को RSS ने दी मंजूरी

Deepa Sahu
13 March 2022 11:16 AM GMT
भारत को आत्‍मन‍िर्भर बनाने के ल‍िए कदम उठाए जाने संबंधी प्रस्‍ताव को RSS ने दी मंजूरी
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11-13 मार्च तक गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक (Rashtriya Swayamsevak Sangh) संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के आखिरी दिन संघ ने प्रस्ताव पास कर रोजगार सृजन और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम उठाए जाने संबंधी प्रस्ताव पास किया है.

11-13 मार्च तक गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक (Rashtriya Swayamsevak Sangh) संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के आखिरी दिन संघ ने प्रस्ताव पास कर रोजगार सृजन और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम उठाए जाने संबंधी प्रस्ताव पास किया है. संघ के प्रस्ताव में भारत को स्वावलम्बी बनाने के लिए कार्यों के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि देश में नेचुरल रिसोर्स की प्रचुरता है, मैन पावर का भंडार है और लोगों में उद्यमकौशल भरा हुआ है, जिसे सकारात्मक ढंग से चैनलाइज कर कृषि, विनिर्माण, और सेवा क्षेत्रों में कार्य के पर्याप्त अवसर उत्पन्न कर अर्थव्यवस्था को उच्च स्तर पर ले जाया जा सकता है.

कोविड काल के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने इस बात पर बल दिया है कि रोजगार की इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने हेतु समूचे समाज को ऐसे अवसरों का लाभ उठाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी. संघ के प्रस्ताव में कहा गया है कि मानव केंद्रित, पर्यावरण के अनुकूल, श्रम प्रधान तथा विकेंद्रीकरण एवं लाभांश का न्यायसंगत वितरण करनेवाले भारतीय आर्थिक प्रतिमान (मॉडल) को महत्त्व दिया जाना चाहिए.
आरएसएस ने अपने प्रस्‍ताव में क्‍या कहा
ये मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवथा, सूक्ष्म उद्योग, लघु उद्योग और कृषि आधारित उद्योगों को संवर्धित करता है. ग्रामीण रोजगार, असंगठित क्षेत्र एवं महिलाओं के रोजगार और अर्थव्यवस्था में उनकी समग्र भागीदारी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना चाहिए. आरएसएस ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि दुर्बल एवं वंचित घटकों सहित समाज के बड़े भाग को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने में सक्षम स्टोरीज की सराहना करती है. साथ ही समाज में 'स्वदेशी और स्वावलम्बन' की भावना उत्पन्न करने के प्रयासों से उपर्युक्त पहलों को प्रोत्साहन मिलेगा.
रोजगार क्षमता वाले विनिर्माण क्षेत्र को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर द‍िया जोर
संघ ने उच्च रोजगार क्षमता वाले विनिर्माण क्षेत्र को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो आयात पर हमारी निर्भरता भी कम कर सकता है. संघ का मानना है कि शिक्षा और परामर्श द्वारा समाज, विशेषकर युवाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहन देनेवाला वातावरण देना चाहिए, ताकि वे केवल नौकरी पाने की मानसिकता से बाहर आ सकें.
प्रस्ताव में बताया गया है कि संघ ये अनुभव करता है कि तीव्रता से बदलती आर्थिक तथा तकनीकी परिदृश्य खासकर उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं निर्यात की सम्भावनाओं से उत्पन्न रोजगार और उद्यमिता के अवसरों का गहन अन्वेषण किया जाना चाहिए. रोजगार के पूर्व और दौरान मानवशक्ति के प्रशिक्षण, अनुसन्धान तथा तकनीकी नवाचार, स्टार्ट अप और हरित तकनीकी उपक्रमों आदि के प्रोत्साहन में हमें सहभागी होना चाहिए. संघ की बैठक में रोजगार सृजन और सेल्फ सस्टेनेबल अर्थव्यवस्था पर जोर दिया गया है.
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