सितम्बर माह तक 56 ई-नीलामी से 3 करोड़ 70 लाख रूपये वार्षिक राजस्व
जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल के तीनों मण्डलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा में वाणिज्यिक आय, गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) अनुबंधों के लिए ई-नीलामी के शानदार परिणाम मिल रहे है। इस नीति के अंतर्गत अर्निंग एसेट्स जैसे आउट ऑफ होम, स्टेशन को-ब्रांडिंग, पार्किंग लॉट, पार्सल लीजिंग, स्टेशन पर रेलवे डिस्प्ले नेटवर्क (आरडीएन), मोबाईल एसेट्स, एटीएम, पे एंड यूज टॉयलेट एवं अन्य नॉन फेयर रेवन्यू (एनएफआर) आदि इन परिसंपत्तियों को पोर्टल में मैपिंग करके शामिल किया गया है और नीलामी प्रक्रिया ऑन लाईन हो रही है। सितम्बर माह तक पमरे में भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) के माध्यम से जबलपुर मण्डल में 261, भोपाल में 217 तथा कोटा मण्डल में 215 एसेट्स का रजिस्ट्रेशन किया गया है। पमरे के तीनों मण्डलों पर अब तक कुल 56 ई-नीलामी ठेका आवंटित किए गए हैं जिनसे रेलवे को 370 लाख 94 हजार रूपये वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा। जो कि निर्धारित रिजर्व प्राईस से लगभग 36.34 प्रतिशत अधिक है।
इसी कड़ी में सितम्बर माह तक पमरे के तीनों मंडलों से जबलपुर मण्डल में कुल 07 ई-नीलामी ठेका आवंटित हुए हैं, इससे रेलवे को 81 लाख 42 हजार रूपये वार्षिक राजस्व मिलेगा यह राजस्व निर्धारित रिजर्व प्राइस से लगभग 21 प्रतिशत अधिक है। भोपाल मण्डल में कुल 13 ई-नीलामी ठेका आवंटित करके रेलवे को 120 लाख 49 हजार रूपये वार्षिक राजस्व मिलेगा जो कि निर्धारित राजस्व प्राईस से लगभग 51 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह कोटा मण्डल में कुल 36 ई-नीलामी ठेका आवंटित करके रेलवे को 169 लाख 03 हजार रूपये वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा, जो निर्धारित रिजर्व प्राईस से लगभग 20 प्रतिशत से अधिक है। इस नई नीलामी प्रक्रिया से जो राजस्व मिला है वह निर्धारित रिजर्व प्राईस की तुलना में लगभग 36 प्रतिशत से भी अधिक है।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत ई-नीलामी में भाग लेने हेतु पार्टी/बोलीदाता को www.ireps.gov.in वेबसाइट पर जाकर स्वयं को ई-आक्शन मोडयूल में पंजीकृत कराना होता है। नीलामी मे भाग लेने वाले बोलीदाता/पार्टी की आवश्यक योग्यता, उसका वित्तीय टर्न ओवर एवं स्वघोषित दस्तावेज अपलोड करना होता है। ई-नीलामी में भाग लेने के लिए कोई पूर्व पंजीकरण आवश्यक नहीं होता है। बोलीदाता की न ही कोई भौगोलिक बाध्यता है। स्वघोषित दस्तावेज गलत पाये जाने पर जमानत राशि जब्त करने का प्रावधान है। इस प्रक्रिया को तेजी से कम समय में पूर्ण करने के लिए ई-नीलामी का नोटिस पीरियड 15 दिन रखा गया है। इसमें सभी भुगतान आनलाइन हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल अपने सम्माननीय उपयोगकर्ताओं को बेहतर, पारदर्षी एवं प्रभावी व्यवस्था देने के लिए सतत् प्रयासरत है। इसी क्रम में वाणिज्यिक आय और नाॅन-फेयर रेवेन्यू सम्बंधित अनुबंधों को 'ई-ऑक्शन' प्लेटफार्म के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है। निविदा के स्थान पर ई-नीलामी का प्रावधान किया जा रहा है। नई व्यवस्था में प्रक्रिया को बेहद सरल किया गया है, जिससे अधिक से अधिक इच्छुक व्यक्ति/फर्म इसमें प्रतिभाग कर सकेंगे। प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इन्ट्री बैरियर समाप्त होंगे तथा अनुबंध की प्रक्रिया में विलम्बन भी समाप्त होगा।