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15 हजार करोड़ रुपये संपत्ति विवाद का मामला, पूर्व राजमाता के पोते-पोती को राहत, सौतेले बेटों की याचिका खारिज

Admin2
18 Nov 2022 12:56 PM GMT
15 हजार करोड़ रुपये संपत्ति विवाद का मामला, पूर्व राजमाता के पोते-पोती को राहत, सौतेले बेटों की याचिका खारिज
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जयपुर के पूर्व राजघराने की पूर्व राजमाता गायत्री देवी की 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के विवाद में उनके पोते-पोती को बड़ी राहत मिली है। सौतेले बेटों की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को जयपुर के अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-दो महानगर प्रथम ने खारिज कर दिया है। इस प्रार्थना पत्र में मांग की गई थी कि 11 साल पहले वसीयत के मामले में केस का नतीजा आने तक पोते-पोती को उससे जुड़े किसी भी तरह के फैसले को लेने की अनुमति न दी जाए।
गायत्री देवी का निधन 2009 में हुआ था और तब से उनकी संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। गायत्री देवी के पोते-पोती यानी देवराज और लालित्या के पक्ष में अदालतें फैसला सुना चुकी है। दरअसल, गायत्री देवी की वसीयत के मुताबिक संपत्ति इन दोनों को मिली है। वहीं, गायत्री देवी के सौतेले बेटों ने वसीयत को ही चुनौती दी है। विजित सिंह, उर्वशी देवी और पृथ्वीराज सिंह की ओर से दाखिल याचिका में कोर्ट से मांग की गई थी कि जब तक वसीयत पर कोई फैसला न हो जाए, तब तक देवराज और लालित्या को उनसे जुड़े फैसले लेने से रोका जाए। हालांकि, अदालत ने इस संबंध में दाखिल अस्थायी निषेधाज्ञा के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।
वसीयत अवैध घोषित करने के लिए लगी है याचिका
पृथ्वीराज, विजित और उर्वशी ने गायत्री देवी की वसीयत को अवैध घोषित कराने के लिए 11 साल पहले दावा पेश किया था। इसी पर फैसले का इंतजार है। उनका कहना है कि गायत्री देवी के बेटे जगत सिंह को बहादुर सिंह को गोद दे दिया गया था। एक बार दत्तक दे दिया तो हमेशा के लिए दत्तक हो गए। इस आधार पर गायत्री देवी या जयपुर रियासत की संपत्ति पर उनका कोई हक नहीं बनता है।
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