दिल्ली आरपीएफ में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत दीपक के खिलाफ 2.35 लाख रुपये ठगने का आरोप लगा है. यह आरोप हिसार के एक व्यक्ति ने लगाया है. आरोप के मुताबिक, हेड कॉन्स्टेबल ने पुलिस में नौकरी दिलवाने के नाम पर ये रुपये हड़प लिए. मामला हिसार के आदर्श नगर का है. यहां रहने वाले मुकेश कुमावत ने गगनदीप कॉलोनी के रहने वाले दीपक कुमार व सुनील बिश्नोई के खिलाफ मिलगेट थाने में शिकायत दर्ज कराई है. मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 170, 171, 420, 406, 467, 468, 471 व 120बी के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस को दी गई शिकायत में मुकेश ने बताया कि आदर्श नगर के रहनेवाले उनके मौसा धर्मबीर टाइलें लगाने का काम करते हैं. दिसंबर 2019 को उसके मौसा दिल्ली आरपीएफ में हेड कॉन्स्टेबल दीपक कुमार के घर टाइलें लगाने पहुंचे. मौसा की दीपक के साथ जान पहचान हो गई. दीपक ने मौसा को अपनी बातों के झांसे में ले लिया और कहा कि उसकी आरपीएफ में काफी चलती है और अफसरों से उसके अच्छे संबंध है. दीपक ने मुकेश के मौसा को कहा कि किसी को कॉन्स्टेबल लगवाना हो तो बता दे.
फरवरी 2020 में धर्मबीर के घर पर दीपक पहुंचा और यहां मुकेश कुमावत ने अपने भाई लोकेश कुमावत को कॉन्स्टेबल लगवाने को कहा. मार्च 2020 को दीपक ने मुकेश को फोन किया और उसके बाद दीपक ने उनके मौसा के घर आकर लोकेश के एप्लिकेशन फार्म पर हस्ताक्षर करवाए. दो-तीन दिन बाद दीपक ने मुकेश को फोन कर कहा कि वह लोकेश की भर्ती डायरेक्ट करवा देगा. इसके एवज में उसने ढाई लाख रुपये मांगे. जिस पर मुकेश ने दीपक के बैंक खाते में 4 मार्च से 26 मार्च 2020 तक अलग-अलग तारीखों में 2 लाख 35 हजार रुपये जमा करवा दिए. उसके बाद बाकी के 15 हजार रुपये साक्षात्कार के दौरान देने की बात तय हुई.
मई 2020 को दीपक ने नियुक्ति का पत्र मुकेश को दिया. इसके बाद दीपक ने मुकेश को बताया कि उसने रेलवे की जाली मुहर लगाकर ये नियुक्ति पत्र जारी किया है. मुकेश ने जब मामले की शिकायत पुलिस में देने की दीपक को धमकी दी तो दीपक ने उसे एक लाख रुपये का चेक दिया, जो बाउंस हो गया. मुकेश का आरोप है कि दीपक ने अपने साथी के साथ मिलकर उससे 2 लाख 35 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है.