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सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू, उमड़ा आस्था का सैलाब

Nilmani Pal
24 April 2022 1:49 PM GMT
सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू, उमड़ा आस्था का सैलाब
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सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से अब श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ने लगी है। सेवा शुरू होने के तीन दिनों में ही 12 सौ श्रद्धालु रोपवे से सफर कर सुरकंडा देवी के दर्शनों के लिए मंदिर पहुंचे। सुरकंडा मंदिर के लिए 21 अप्रैल से रोपवे की सेवा शुरू की गई, तब से हर दिन रोपवे से मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दोगुना इजाफा हुआ है।

21 अप्रैल को पहले दिन लगभग 240, दूसरे दिन 400 और शनिवार को तीसरे दिन 551 श्रद्धालु रोपवे से सुरकंडा मंदिर पहुंचें। सुरकंडा देवी रोपवे प्रोजेक्ट के निदेशक निखिल आनंद और समीर सूरी ने बताया श्रद्धालुओं को शुद्ध और ठंडा पानी के लिए एक वाटर कूलर और आरओ भी लगाया गया है। मंदिर परिसर में भी जल्द ही एक और वाटर कूलर और आरओ लगाया जाएगा।
यात्री सुविधाओं का विस्तार करने के लिए आसपास यात्री प्रतिक्षालय और शौचालयों का निर्माण भी किया जाएगा। कहा कि पिछले 2 साल कोरोना संक्रमण काल में रोपवे निर्माण करने में काफी दिक्कतें आई है। बावजूद रोपवे निर्माण लगातार जारी रहा। रोपवे के टिकट के लिए कद्दूखाल में काउंटर सेंटर बनाया गया है।
टिकट के लिए गूगल, पेटीएम और ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। सुरकंडा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि देवी दर्शन के लिए हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। ज्यादातर स्थानीय लोग पैदल ही मंदिर जा रहे हैं। बावजूद रोपवे सेवा शुरू होने से भी दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
लंबे इंतजार के बाद सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू कर दी गई है। अब भक्तों को डेढ़ किमी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। रोपवे नवरात्र से पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन विभागीय कार्रवाई में देरी के कारण यह शुरू नहीं हो पाया था। पहले दिन करीब 240 श्रद्धालुओं ने रोपवे से सफर कर मंदिर में दर्शन किए हैं। रोपवे में मंदिर तक आने-जाने का किराया 177 रुपये तय किया गया है।
सुरकंडा देवी मंदिर के लिए वर्ष 2015-16 में पीपीपी मोड में रोपवे बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। 2017 में पार्टनरशिप कंपनी ने रोपवे निर्माण का कार्य शुरू किया। सर्दियों में काम की गति धीती रहने और कोरोना के कारण निर्माण समय पर पूरा नहीं हो पाया था। आखिरकार बीते नवरात्र में काम पूरा हुआ, लेकिन प्रशासनिक कार्यों की उलझन के कारण सीएम इसका शुभारंभ नहीं कर पाए।
32 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए रोपवे में 16 डिब्बे लगाए गए हैं। एक डिब्बे में छह लोग सफर कर सकते हैं। कद्दूखाल से मंदिर तक डेढ़ किमी की पैदल चढ़ाई से लोगों को अब राहत मिल जाएगी। 523 मीटर लंबे रोपवे से लोग महज पांच से दस मिनट में मंदिर पहुंच जाएंगे।
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