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रोहिंग्या विवाद: मनीष सिसोदिया ने अब कही यह बात

jantaserishta.com
18 Aug 2022 10:39 AM GMT
रोहिंग्या विवाद: मनीष सिसोदिया ने अब कही यह बात
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: रोहिंग्या शरणार्थियों के मामले में राजनीति गरमा गई है. दिल्ली सरकार में मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. सिसोदिया ने कहा है कि AAP सरकार रोहिंग्याओं को दिल्ली में रखने के खिलाफ है. केंद्र सरकार के कुछ लोग दिल्ली के अधिकारियों के साथ मिलकर ये साजिश रच रहे थे.

सिसोदिया ने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार भी इसके खिलाफ है तो ये बैठकें किसके आदेश पर हुईं. इस साजिश की गंभीरता से जांच हो. उन्होंने पूछा- दिल्ली की चुनी हुई सरकार से छिपाकर बैठकें किसके आदेश पर हुईं हैं?
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि दिल्ली में रोहिंग्याओं के पुनर्वास की साजिश का कल पर्दाफाश हुआ है. दिल्ली के सीएम को लूप में नहीं रखा गया. सबसे पहले रोहिंग्याओं के पुनर्वास और फ्लैटों के आवंटन के बारे में एक समाचार रिपोर्ट प्रकाशित की गई. सिसोदिया ने केंद्र सरकार और एलजी पर बड़ा आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि मैं गृह मंत्रालय संभालता हूं, फिर भी मुझे लूप में नहीं रखा गया. रोहिंग्या से जुड़े सारे फैसले हमें लूप में रखे बिना लिए गए. हमें पता चला कि बैठकें दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ की गई थीं.
अधिकारियों को फाइल सीधे एलजी को भेजने के लिए कहा गया था. यदि रोहिंग्याओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है तो आप उन्हें फ्लैट उपलब्ध कराने पर कैसे विचार कर सकते हैं? सिसोदिया ने कहा कि इस साजिश के पीछे कौन था? उन्होंने पूछा- दिल्ली सरकार को इन बैठकों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी गई?
सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में उनसे स्पष्टता मांगी है. सिसोदिया ने उनसे पूछा है कि रोहिंग्याओं के पुनर्वास के निर्देश किसने दिए? अगर अधिकारी दिल्ली सरकार से आगे निकल गए और केंद्र के रुख के खिलाफ गए तो इस साजिश के पीछे कौन था?
इस पूरे विवाद की शुरुआत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट से हुई. पुरी ने ट्वीट कर कहा कि भारत ने हमेशा उनका स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है. एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं, UNHRC आईडी और 24 घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
हरदीप सिंह पुरी के इस ट्वीट के बाद बवाल मच गया. आम आदमी पार्टी हमलावर हो गई. उधर, बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी मोर्चा खोल दिया. विश्व हिंदू परिषद ने बयान जारी कर इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की. सूत्रों के मुताबिक, संघ भी इस फैसले से नाराज बताया जा रहा है.
इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद गृह मंत्रालय की सफाई आई है. गृह मंत्रालय ने कहा, कानून के मुताबिक अवैध रोहिंग्याओं को डिपोर्ट करने तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है. उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा. MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या मौजूदा स्थान पर रहेंगे, क्योंकि उनके डिपोर्ट के मामले को संबंधित देश के साथ उठाया जा चुका है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया में जो खबर आई है उसके संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्याओं को फ्लैट देने का कोई फैसला नहीं किया है.


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