रॉबर्ट वाड्रा का केंद्र सरकार पर निशाना, कहा- कोरोना की तीसरी लहर से पहले टीकाकरण और अस्पतालों पर दें ध्यान
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने रविवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य और पंचायत चुनाव कराने की अनुमति देकर देश में कोविड -19 मामलों को बढ़वा दिया और साथ ही अपने देश में टीके की जरूरत को नजरअंदाज करते हुए विदेशों में छह मिलियन टीकों का निर्यात किया. उन्होंने कहा कि एक तो आम लोगों को टीका नहीं लगा और पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी कराए गए, यह गलत था. लोग बीमार हुए, कितनों की मौत भी हुई है.
दरअसल वाड्रा संसदीय कार्य मंत्री और बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी (BJP leader Pralhad Joshi) के हालिया आरोप का जवाब दे रहे थे. बीजेपी नेता ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अभी तक कोरोना वैक्सीनेशन नहीं करवाया है क्योंकि उन्हें देश में बनाए गए टीके पर विश्वास नहीं है.
इस आरोप के जवाब में रॉबर्ट वाड्रा ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, " वैक्सीनेशन हमारे देश के प्रत्येक नागरिक के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. बीजेपी के प्रवक्ताओं द्वारा सवाल किया जा रहा है कि मैंने टीका क्यों नहीं लिया और राहुल, प्रियंका को भारत में बने टीके पर कोई विश्वास क्यों नहीं है. मुझे लगता है कि उन्हें कोई भी सवाल तथ्यों के आधार पर करना चाहिए. वाड्रा ने कहा कि क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना से संक्रमित हो गए थे, इसलिए उन्हें टीकाकरण के लिए निर्धारित समय तक इंतजार करना पड़ा. साथ ही वाड्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी और पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पहले से टीका लगवा चुकी हैं.
अस्पतालों, ICU बेड पर ध्यान देने की है जरूरत
वाड्रा ने अपने पोस्ट में केंद्र सरकार से COVID-19 की संभावित तीसरी लहर से पहले अस्पतालों, ICU बेड, वैक्सीनेशन सेंटर्स और दवाओं के लिए लैबोरेट्री के निर्माण पर ध्यान देने का करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि तासरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकता है, इस लहजे से अबी सबसे ज्यादा जरूरी है देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जाए.
उन्होंने अपने पोस्ट को खत्म करने से पहले "फादर्स डे" का जिक्र करते हुए कहा कि इस फादर्स डे मेरा सरकार से अनुरोध है, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वायरस की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकती है, इसलिए अस्पतालों, आईसीयू बेड, टीकाकरण केंद्रों और दवाओं के लिए लैब बनाने पर अधिक ध्यान दें. इसे वायरस की एक और सुनामी न बनने दें.