सब इंस्पेक्टर को गोली मारने वाला लूटेरा ढेर, कार में लगी जीपीएस से पुलिस को मिली सफलता
मेरठ। डकैती के दौरान एक सब-इंस्पेक्टर पर गोली चलाने के आरोपी व्यक्ति की शनिवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई. गत 22 जनवरी को, विनय कुमार पुलिस पर गोलियां चलाकर भाग निकला था, जिसमें सब इंस्पेक्टर मुनेश कुमार घायल हो गए थे. मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) रोहित …
मेरठ। डकैती के दौरान एक सब-इंस्पेक्टर पर गोली चलाने के आरोपी व्यक्ति की शनिवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई. गत 22 जनवरी को, विनय कुमार पुलिस पर गोलियां चलाकर भाग निकला था, जिसमें सब इंस्पेक्टर मुनेश कुमार घायल हो गए थे. मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) रोहित सिंह सजवान ने बताया कि पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान जवाबी कार्रवाई में गोली लगने के बाद शनिवार देर शाम इलाज के दौरान विनय कुमार की मौत हो गई.
एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में 22 जनवरी की रात कार लूट की वारदात पर पुलिस ने कार्रवाई की थी. चूंकि वाहन में जीपीएस लगा था, इसलिए पुलिस लुटेरों का पता लगाने में कामयाब रही और उनका पीछा करना शुरू कर दिया. पीछा करने के दौरान कार लुटेरों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी, जिसमें पुलिस चौकी प्रभारी (दारोगा) मुनेश कुमार के सीने में गोली लग गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह घाव से उबर रहे हैं.
एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से लुटेरों की पहचान विनय वर्मा, अनुज और नरेश सागर के रूप में की. उन्होंने बताया कि शनिवार शाम को विनय वर्मा और नरेश सागर को बस से आगरा भागने की योजना बनाते समय गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान विनय वर्मा ने कबूल किया कि उसने ही पुलिस पर गोली चलाई थी. एसएसपी ने कहा, उसे उस स्थान पर ले जाया गया जहां उसने घटना में इस्तेमाल हथियार छुपाया था. अधिकारी के अनुसार, घटनास्थल पर ले जाते समय विनय वर्मा ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की और एक कांस्टेबल की बांह में गोली मार दी.
एसएसपी रोहित सिंह के मुताबिक पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में विनय वर्मा को घेर लिया और उस पर गोली चलाई. पुलिस की फायरिंग में विनय गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि वर्मा के खिलाफ मेरठ के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में हत्या के प्रयास, डकैती, गैंगस्टर एक्ट और चोरी के छह से अधिक मामले दर्ज थे. वह एक हिस्ट्रीशीटर था और अपने साथियों के साथ मिलकर जिले में डकैती, छिनैती और लूट की वारदात को अंजाम देता था.