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सड़क दुर्घटना: अविवाहित बड़ी बहन मुआवजा पाने की हकदार...जानें कोर्ट की बड़ी बातें

jantaserishta.com
28 July 2022 8:19 AM GMT
सड़क दुर्घटना: अविवाहित बड़ी बहन मुआवजा पाने की हकदार...जानें कोर्ट की बड़ी बातें
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: सड़क दुर्घटना के एक मामले में अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने दुर्घटना में जान गंवाने वाले युवक की अविवाहित बड़ी बहन को मुआवजा पाने का हकदार माना है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि युवक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह पिता का घर चलाने में भी सहायक था। ऐसे में अविवाहित बड़ी बहन भी उस पर निर्भर थी।

रोहिणी स्थित एमएसीटी न्यायाधीश सिद्धार्थ माथुर की अदालत ने मामले में 27 लाख 13 हजार 929 रुपये का मुआवजा पीड़ित परिवार को देने का निर्देश दिया है।
अदालत ने इस राशि को तीन अलग-अलग हिस्सों में छह फीसदी सालाना ब्याज के साथ परिवार के तीनों सदस्यों माता-पिता व बहन को देने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, दुर्घटना में प्रयुक्त वाहन का बीमा करने वाली कंपनी ने बहन का मुआवजा देने का विरोध किया। बीमा कंपनी का कहना था कि बड़ी बहन अपने छोटे भाई पर निर्भर कैसे हो सकती है। इस पर अदालत ने संयुक्त परिवार की प्रथा का हवाला देते हुए कहा कि घर की बेटी परिवार के हर सदस्य की जिम्मेदारी होती है। सामाजिक ताने-बाने के अनुसार, पिता व भाई के लिए अविवाहित बेटी की शादी व अन्य खर्च उठाना सामान्य व्यवहार की बात है।
मां के अनुसार, उनका 22 साल का बेटा ड्राइवर था। वह पिता के साथ घर खर्च चलाने की पूरी जिम्मेदारी निभा रहा था। उसकी मासिक आय 19 हजार रुपये थी। वह अपनी बेटी की शादी की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए पिता व भाई ज्यादा से ज्यदा रकम जुटाना चाहते थे, लेकिन इसी बीच उनका जवान बेटा सड़क हादसे का शिकार हो गया। इससे पूरा परिवार बुरी तरह टूट गया है। इकलौते बेटे की मौत कई तरह परिवार को तोड़ गई है।
यह घटना 27 जुलाई 2018 को कराला गांव के नजदीक हुई थी। मृतक राहुल अपने दोस्त बादाम सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर सुबह साढ़े पांच बजे जिम जा रहा था, तभी उलटी दिशा से आ रहे टैंकर ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। राहुल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बादाम सिंह को मामूली चोट आई। इस मामले में अदालत ने बादाम सिंह को इलाज पर खर्च आए पांच हजार रुपये देने के आदेश बीमा कंपनी को दिए हैं।

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